करंसी का अपमान

By: May 29th, 2017 12:05 am

(प्रेम चंद माहिल, लहराना, हमीरपुर)

देश की करंसी (मुद्रा)किसी देश की रीढ़ मानी जाती है। इसी बात को भारत सरकार ने ध्यान में रख कर कानून पारित किया है कि करंसी जलाना या पिघलाना कानूनी अपराध है। आरबीआई ने आदेश दिया है कि बैंकों में नोटों की गड्डी पर पिन न लगाई जाए, जिसके अनुसार नोटों की गड्डी पर पिन लगाना पूर्णातः बंद हो चुका है, परंतु आज भी दुकानों में पिन लगे नोटों के हार धड़ल्ले से बिक रहे हैं। शादी, समारोह में नोटों के हारों का प्रचलन जारी है, जो पूर्णतः करंसी से छेड़छाड़ एवं कानूनी अपराध है। दूसरी तरफ इन नोटों के हारों का प्रदर्शन करंसी का प्रदर्शन है। जो एक गंभीर सामाजिक बुराई है। नोटों के हार पहनने से अमीरी प्रदर्शित होती है। अतः प्रशासन से अपील है कि नोटों के हार बनाने वालों तथा उनका प्रयोग करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि भारत की करंसी को सम्मान बना रहे।

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