केंद्र ने लौटाई दभोटा की फाइल

By: May 23rd, 2017 12:15 am

इंडस्ट्रियल एरिया को पर्यावरण मंत्रालय ने फिर नहीं दी मंजूरी

newsशिमला— हिमाचल प्रदेश के प्रस्तावित दभोटा इंडस्ट्रियल एरिया को एक दफा फिर से पर्यावरण मंत्रालय ने मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पर्यावरण मंत्रालय की इम्पावर्ड कमेटी ने हिमाचल का यह मामला फिर से लौटा दिया है। बताया जाता है कि उद्योग क्षेत्र से अलग वनीकरण के लिए जो जमीन राज्य सरकार ने सुझाई थी वह मंत्रालय को पसंद नहीं आई, लिहाजा उसने नए सिरे से जमीन का प्रस्तावित प्रारूप भेजने को कहा है। फोरेस्ट क्लीयरेंस में फंसा दभोटा इंडस्ट्रियल एरिया का मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। कम से कम तीन दफा पर्यावरण मंत्रालय को इस संबंध में मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन हर बार इनकार ही हुई। सूत्रों के अनुसार पर्यावरण मंत्रालय चाहता है कि उद्योग क्षेत्र जितनी जमीन पर बसाया जाएगा,उससे अलग उतनी ही जमीन पर वनीकरण भी करना होगा। इसके लिए दभोटा के आसपास के क्षेत्र को उद्योग विभाग ने सुझाया था। बताते हैं कि इसमें अधिकांश नालों वाली जमीन है जो कि इम्पावर्ड कमेटी को पसंद नहीं आई है। उसका कहना है कि वनीकरण के लिए वेस्ट लैंड हो लेकिन वह भी बेहतर हो। इस तरह से नालों के नजदीक वनीकरण नहीं हो सकेगा। ऐसे में हिमाचल के सामने दभोटा को इंडस्ट्रियल एरिया के रूप में विकसित करने की परेशानी खड़ी हो गई है। वह भी तब जबकि मुख्यमंत्री बजट में इसकी घोषणा कर चुके हैं और इसके लिए केंद्र सरकार से पैसा लिया जाना है। दभोटा इंडस्ट्रियल एरिया के लिए उद्योग विभाग को कुल 528 बीघा जमीन की जरूरत है, जिसकी एवज में उसे इससे कहीं अधिक जमीन वनीकरण के लिए देनी होगी जिसकी शर्त पर्यावरण मंत्रालय ने लगा रखी है। इस शर्त को प्रदेश पूरा नहीं कर पा रहा है । उद्योग विभाग ने फोरेस्ट क्लीयरेंस के लिए जरूरी 25 लाख रुपए की धन राशि जमा भी करवा दी है क्योंकि इससे पहले मंत्रालय ने पैसा जमा करवाने के लिए कहा था।

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