जो भी सीखें, उसे जीवन में ढालें
सुधांशु महाराज ने अनुयायियों को पढ़ाया मानवता का पाठ
नग्गर — कुल्लू के नगर घुड़दौड़ में चल रहे सुधांशु महाराज के ध्यान शिविर में पहली बार बाहरी राज्यों से भारी संख्या में उनके अनुयायी यहां पहुंचे हैं। 10 जून तक लगे शिविर में रोजाना भक्तों को योग से होने वाले फायदों के गुर भी सिखाए जा रहे हैं। सोमवार को सुधांशु महाराज ने शिविर में कहा कि इनसान एक-दूसरे को वही देता है, जो उसके पास है। ऐसे में जो लोग खुशियां बांटते फिरते हैं, खुशी भी उन्हीं के साथ हमेशा रहती है। उन्होंने कहा कि जो लोग हमेशा दूसरों को गिराने में लगे रहते हैं, वे यह नहीं जानते कि वे स्वयं भी अपनी नजर में गिर रहे हैं और सफलता की सीढ़ी चढऩे की बजाय स्वयं भी पीछे हट रहे हैं। इनसान को हमेशा एक-दूसरे के प्रति प्रेम की भावना रखनी चाहिए। उन्होंने सभी अनुयायियों से आग्रह किया है कि वे जो भी कुछ सीखने के लिए यहां आए हैं, उन्हें अपने जीवन में भी उतारें, उसका लाभ उन्हें अवश्य मिलेगा। लोग अपने असली जीवन को भूल नई पीढ़ी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहते है, वह अच्छी बात है, लेकिन पुरानी संस्कृति हमें हमेशा अपनेपन का एहसास दिलाती है। अगर आज हम पुरानी संस्कृति भूल जाएंगे तो नई पीढ़ी भी संस्करों में कभी नहीं ढल पाएगी। उन्होंने योग के भी टिप्स भक्तों को दिए। वहीं, सुंधाशु जी महाराज ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले ही योग दिवस के रूप में शिविर के आयोजन की शुरुआत नग्गर से कर ली है।
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