दाड़लाघाट ईएसआई अस्पताल में एक भी डाक्टर नहीं

By: May 8th, 2017 12:10 am

newsदाड़लाघाट  —  दाड़लाघाट ईएसआई अस्पताल में एक भी डाक्टर नहीं है। बीते दो माह से यहां पर डाक्टरों के चारों पद रिक्त पड़े हैं। 16 पंचायतों का एकमात्र अस्पताल पैरा मेडिकल स्टाफ के सहारे चल रहा है। अधिकतर मरीजों को आईजीएमसी शिमला के लिए रैफर कर दिया जाता है। डाक्टरों के पद रिक्त होने की वजह से प्रतिदिन 200 मरीजों की ओपीडी अब दो दर्जन मरीजों तक सिमट कर रह गई है। हालांकि ईएसआई अस्पताल में छह बैड की सुविधा है, लेकिन यहां पर मरीज को दाखिल नहीं किया जाता है। जानकारी के अनुसार उपमंडल अर्की के तहत आने वाले ईएसआई अस्पताल दाड़लाघाट 16 पंचायतों का केंद्र बिंदु है। यहां राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर शिमला और बिलासपुर के ठीक मध्य में स्थित मात्र एक सिविल अस्पताल है। इस क्षेत्र में दो सीमेंट के कारखाने लगे हैं। वाहनों की भारी आवाजाही के चलते आए दिन दुर्घटनाएं भी होती रहती है। दिन-प्रतिदिन कोई न कोई गंभीर घायल इस अस्पताल में आता ही रहता है, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि इस अस्पताल में प्रथम उपचार करने योग्य व्यवस्था भी नहीं है। अधिकतर मरीजों  को सीधे आईजीएमसी रैफ र कर दिया जाता है । यह अस्पताल पहले पीएचसी था, लेकिन यहां कारखाने लगने आबादी निरंतर बढ़ने के बाबजूद इसका दर्जा घटाकर ईएसआई कर दिया गया है, कारण अभी तक जनता को मालूम नहीं है। इस अस्पताल में चिकित्सकों के चार पद है, लेकिन गत दो माह से यह अस्पताल अदद एक डाक्टर को तरस रहा है। डेढ़-दो माह से यहां कोई भी डाक्टर नहीं है, मरीज आते हैं, पर्ची बनवाते हैं और कुछ तो बिना पर्ची बनवाए ही चले जाते हैं। इस अस्पताल में मरीजों की 200-250 तक की ओपीडी थी, लेकिन आज हालात ये हैं कि 20-25 रोगी भूल- भूलैया में ओपीडी पंजिका में अपना नाम दर्ज करवाते हैं। कभी-कभार इधर-उधर से यदि प्रतिनियुक्ति पर डाक्टर आ भी गए तो उनका मरीजों को कोई विशेष लाभ नहीं मिल पाता। आज समय ऐसा है कि मरीजों को परेशानी के सिवाय यहां आकर कुछ भी हासिल नहीं होता राजनेता यहां डाक्टर भेजने का वादा तो करते हैं, लेकिन अभी तक वादों के सिवा कुछ भी हाथ नहीं लग रहा है। आज भी ग्राम पंचायत दाड़लाघाट का एक  प्रतिनिधिमंडल पंचायत प्रधान सुरेंद्र शुक्ला की अगवाई में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह से मिला। स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सक भेजने का आश्वासन तो दिया है, लेकिन चिकित्सक कब आता है, इसका पता भविष्य के गर्भ में है।

दंत चिकित्सक का पद भी खाली

ईएसआई अस्पताल दाड़लाघाट में दो एमबीबीएस, एक आयुर्वेदिक डाक्टर और एक दंत चिकित्सक का पद रिक्त पड़ा है। इसके अलावा पैरामेेडिकल के पद भी यहां पर रिक्त हैं। बीएमओ अर्की डा. तारा चंद ने बताया कि दाड़लाघाट ईएसआई अस्पताल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के अधीन नहीं है, इसलिए इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।

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