नहीं देखे जाते तिरंगे में लिपटे जवान

By: May 15th, 2017 12:10 am

newsहमीरपुर —  जब भी बार्डर पर किसी के शहीद होने की खबर मिलती है, तो खून खौल उठता है। मां भारती की रक्षा में बार्डर पर तैनात नौजवान सैनिकों के हाथ क्यों बांधे गए हैं। सरकार दुश्मन देश पर कार्रवाई करने से क्यों कतरा रही है। बस यही सोच मन में हावी रहती है। यह कहना भगेड़ निवासी सेवानिवृत्त हवलदार  चमेल सिंह का है।  उनका कहना है कि हर बार शांति का पाठ हमारे देश के कई जवानों की जान ले जाता है। इस शांति पाठ के कारण ही दुश्मन देश पाकिस्तान आज तक बचा हुआ है। यह आतंकी मुल्क हमारे देश को नुकसान पहुंचाने का कोई मौका नहीं छोड़ता। जिस उम्र में हमारे बच्चे पढ़ाई करते हैं, उस उम्र में पाकिस्तान बच्चों को बंदूक की भाषा सीखा देता है। इससे साफ स्पष्ट हो जाता है कि यह देश दुश्मनी चाहता है। वहीं, भारत हर बार चरम पर पहुंचने के बाद शांति-शांति कर वापस लौट जाता है। अगर सरकार चाहे तो कुछ ही घंटों में पाकिस्तान का नामोनिशान मिट जाएगा। कई ऐसा अवसर मिले हैं, जब सेना के कदम रोके गए हैं। अगर इन अवसरों को भुनाया गया होता तो आज यह दुशमन देश सिर उठाने लायक नहीं होता। उनका कहना है कि भरी जवानी में हमारे सैनिक बार्डर पर शहीद हो रहे हैं। कई बेटे,  सुहाग छिने जा रहे हैं। तिरंगे में लिपटकर जब भी शहीद घर आता है, परिजनों का दुख देखा नहीं जाता। उनका कहना है कि सरकार अगर सेना को फ्री हैंड दे दे तो नतीजे स्वयं सामने होंगे।  अब लड़ाई आर-पार की होनी चाहिए। उनका कहना है कि सरकार से यही उम्मीद है कि सेना को कुछ विशेष अधिकार दिए जाएं, ताकि किसी का बेटा, भाई व पति आकाल मौत का ग्रास न बने। वहीं, बार्डर पर शहीद होने वाले सैनिकों के परिजनों का भी सरकार को विशेष ध्यान रखना चाहिए। इनके आश्रितों को मिलने वाली सुविधाओं में भी बढ़ोतरी होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि एक बार फिर से सर्जिकल स्ट्राइक करने का समय आ गया हैं। सरकार को जे एंड के में सैनिकों को खुली छूट दे देनी चाहिए। जिस तरह सर्जिकल स्ट्राइक कर दुश्मन को सबक सिखाया था। पाक को सबक सिखाने का वक्त आ गया है। भारत का हर नागरिक देश की फौज के साथ खड़ा है।

ये है सरकार से उम्मीद

भारत सरकार चाहे तो कुछ भी कर सकती है। पिद्दी भर देश हमारी सीमा में घुसकर सैनिकों के सिर कलम कर देता है और हम शांति की अपील करते रह जाते हैं। अब सरकार को आर-पार की लड़ाई लडऩी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय दबाव को भूल जाओ, पाकिस्तान को घर में घुसकर मारो। इसके लिए सरकार को फौज को फ्री हैंड दे देना चाहिए। दस दिन में दुनिया के नक्शे से यह आतंकी मुल्ख गायब हो जाएगा और अमन-चैन बहाल होगा। न किसी का बेटा शहीद होगा, न किसी की असमय मांग उजड़ेगी, न किसी बच्चे के सिर से बाप का साया उठेगा। आतंकियों की जब नर्सरी ही खत्म हो जाएगी, तो विश्व भी दहशतगर्दी से मुफ्त हो जाएगा।

सेना को दें कार्रवाई का अधिकार

सेना के हाथ बंधे होने के कारण कई बार फैसला लेने में हुई देरी सैनिकों पर भारी पड़ जाती है। दुश्मन की गोलीबारी के बीच अनुमति की जरूरत नहीं होनी चाहिए, बल्कि तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। फौज को किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत कार्रवाई का अधिकार मिलना ही चाहिए, तभी देशवासियों की सही सुरक्षा हो सकेगी, वहीं दुश्मन को भी मौके पर ही उसकी गुस्ताखी का जवाब मिल जाएगा।

एक बार फिर हो सर्जिकल स्ट्राइक

सरकार को एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत है, ताकि आतंकियों का पूरी तरह से सफाया किया जा सके। आतंकवादी वर्षों से जवानों के सिर कलम कर रहे हैं, लेकिन हमारी सरकार चुप बैठी हुई है। अब समय आ गया है कि सरकार को आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए, नहीं तो आगे भी इस तरह जवानों के सिर कलम होते रहेंगे।

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