नादौन में डाक्टर तो ठीक…पर स्पेशलिस्ट एक भी नहीं

By: May 3rd, 2017 12:08 am

सीधा टांडा या हमीरपुर रैफर हो रहे मरीज, हास्पिटल में आपरेशन थियेटर तक की सुविधा नहीं

newsनादौन  – नादौन अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम है। अस्पताल में वैसे तो चिकित्सकों के स्वीकृत सभी चार पद भरे हैं, परंतु नए निर्माणाधीन भवन के लटके कार्य के कारण 30 बेड का यह अस्पताल आजकल 12 बेड तक ही सिमट कर रह गया है। रोगियों की भारी भीड़ के बीच भवन की कमी के चलते कभी कभी तो एक ही बेड पर तीन-तीन मरीजों को भी लेटाना स्टाफ की मजबूरी बन गई है। निर्माणाधीन नए भवन की हालत तो यह है कि यह आवारा पशुओं का आश्रय स्थल बन चुका है। करीब पांच विधानसभाओं के साथ लगने वाले नादौन अस्पताल में सीमावर्ती क्षेत्र के भी काफी लोग यहां पहुंचते हैं। रोजाना करीब 200 से 250 की ओपीडी यहां इस अस्पताल में आम बात है। इससे लोगों को यहां घंटों लाइनों में खड़ा रहना पड़ता है, जिससे यहां काम कर रहे चिकित्सकों पर भारी दबाव रहता है, परंतु नए भवन के निर्माण के लिए यहां पुराने भवन के एक भाग को तोड़ा जा चुका है, जिससे अस्पताल के सारा काम एक ही छत के नीचे चल रहा है। ऐसे में 30 बेड के स्थान पर यहां केवल 12 बेड लगाने का ही स्थान बचा है। अस्पताल में चिकित्सकों के चार ही पद स्वीकृत हैं। यानि बीएमओ सहित यहां केवल पांच ही चिकित्सक हैं। कहा जा सकता है कि चार चिकित्सकों में से यदि कोई छुट्टी या कोर्ट में किसी तारीख के लिए चला जाए, तो बाकी बचे चिकित्सकों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है। हालांकि अन्य कर्मचारियों के सभी पद भरे हैं। कई मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे इस अस्पताल में एक आपरेशन थियेटर तक नहीं है। नियमानुसार अस्पताल में हर आठ बेड पर एक सफाई कर्मचारी तैनात रहता है, जबकि यहां चार कर्मचारी सारे अस्पताल परिसर की सफाई पर लगाए गए हैं। अस्पताल में सफाई के लिए धन की कमी नहीं है। जानकारी के अनुसार इस अस्पताल की साफ-सफाई के लिए प्रतिमाह 1.59 लाख के करीब खर्च किए जा रहे है, परंतु मशीनों द्वारा सफाई न करवाकर के  पुराने देशी तरीके से ही काम चलाया जा रहा है।

निजी सेंटरों में करवाना पड़ रहा अल्ट्रासाउंड

नादौन अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की मशीन तो है, परंतु इसके लिए विशेषज्ञ माह में दो बार ही आता है। इस कारण आपातकाल में रोगियों को ज्वालामुखी में जाकर या किसी निजी सेंटर पर जाकर ज्यादा पैसे देकर अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ता है।

सुविधाओं की कमी, मरीज रैफर

केवल चार चिकित्सकों के सहारे चल रहे नादौन अस्पताल में आज तक कभी कोई मामूली आपरेशन तक नहीं हुआ, क्योंकि यहां आपरेशन थियेटर ही नहीं है। इसलिए सर्जन की नियुक्ति तो दूर की बात है। यहां लेबर रूम तो है, लेकिन वहां भी कई मूलभूत सुविधाओं की कमी है। थोड़ी सी भी आपात स्थिति में रोगियों को आगे रैफर करने के बजाय कोई चारा नहीं है। हैरानी की बात तो यह है कि आज भी इस अस्पताल का दर्जा केवल सीएचसी ही है। कोई भी सरकार के नुमांइदे इसका दर्जा तक नहीं बढ़ा पाए हैं। यहां आज तक किसी विशेषज्ञ चिकित्सक की नियुक्ति नहीं हुई, यदि कोई आया भी तो वह ज्यादा दिन तक नहीं टिक पाया। अस्पताल के कर्मचारियों के लिए बनाया गया आवासीय परिसर खस्ताहाल में है।

कोई भी विशेषज्ञ नहीं

नादौन अस्पताल में इतनी भीड़ होने के बावजूद आजतक यहां कोई विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध नहीं हुआ है। इससे थोड़ी भी आपात स्थिति में रोगी को हमीरपुर या टांडा रैफर किया जाता है।

विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं? निःशुल्क रजिस्टर करें !


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App