पांवटा भाजपा ने मनाए सिंघल

By: May 21st, 2017 12:05 am

नगर परिषद में तीन दिन से चल रहा सियासी ड्रामा खत्म, पार्टी ने बाकायदा जारी किया बयान

पांवटा साहिब— पांवटा साहिब नगर परिषद में पिछले तीन दिनों से चला आ रहा सियासी ड्रामे का उस समय का फिलहाल अंत होता दिखा जब भाजपा समर्थित नप से नाराज चल रहे भाजपा पार्षद को भाजपा ने मना लिया। इस सूचना के बाद कांग्रेस समर्थित पार्षदों के खेमे में मायूसी छा गई। तीन दिन पूर्व नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान पार्षद संजय सिंघल ने अपनी ही नगर परिषद पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाकर अध्यक्ष और उपाध्यक्ष से अपना समर्थन वापस लिया था। इस बाबत उन्होंने समर्थन वापसी का पत्र जिलाधीश सिरमौर को भेजा था। उसके बाद कांग्रेस समर्थित पार्षदों ने एकजुट होकर इस मौके का फायदा उठाने के प्रयास आरंभ कर दिए और शुक्रवार को नाहन पहुंचकर एडीएम को पत्र सौंपकर पांवटा नगर परिषद के अल्पमत में होने की बात कही। बताया जा रहा है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय सिंघल की नप से नाराजगी की रिपोर्ट प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल तक भी पहुंच गई थी, जिसके बाद शुक्रवार रात से ही पार्षद संजय सिंघल को मनाने के लिए जिला व प्रदेश भाजपा के नेता उनके घर तक पहुंच गए थे। बताया जा रहा है कि हालांकि संजय सिंघल ने उनको मनाने के लिए आ रहे नेताओं से स्पष्ट कर दिया कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज जारी रखेंगे। शनिवार को फिर से भाजपा नेताओं की इस मामले में लोनिवि विश्राम गृह में एक बैठक हुई, जिसमें इस बात का बयान जारी किया कि संजय सिंघल मान गए हैं। हालांकि भाजपा के प्रेस नोट में इस मामले के आरोपों की सूई नप के वर्तमान ईओ की तरफ घुमा दी गई और कहा गया कि कार्यों का आबंटन ईओ ने किया और नप अध्यक्ष-उपाध्यक्ष की इसमें कोई भूमिका नहीं थी, जिसकी जांच की मांग की जाएगी। हालांकि जानकार बताते हैं कि बिना अध्यक्ष-उपाध्यक्ष की सहमति के बगैर ईओ कोई भी काम का आबंटन नहीं कर सकता फिर ईओ पर आरोप लगाना कितना सही है। उधर इस बारे पांवटा नगर परिषद के नाराज पार्षद संजय सिंघल ने कहा कि भाजपा शासित नगर परिषद को अपनी कमियां दूर करनी होगी। प्रशासनिक अधिकारियों के एजेंट के तौर पर काम करना बंद करना होगा। उन्होंने कहा कि वह भाजपा के सच्चे सिपाही हैं इसलिए कांग्रेस का साथ देने का सवाल ही नहीं उठता। प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी सदस्य मदन मोहन शर्मा ने बताया कि भाजपा नप में कुछ मनमुटाव थे, जो दूर कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि भाजपा समर्थित सभी पार्षद एकजुट हैं और कार्यकारिणी पहले की तरह ही कार्य करती रहेगी। उन्होंने कहा कि  कांग्रेस के लोगों को खुश होने की जरूरत नहीं है। उनके पास बहुमत नहीं है। कांग्रेस में कई महिलाएं चेयरमैन के पद के लिए दावेदार हैं, लेकिन 13 में से उनके पास सिर्फ छह पार्षद हैं। उनमें भी एकजुटता नहीं है इसलिए उन्हें नप में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के ख्वाब नहीं देखने चाहिए।

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