पाक को उसी की भाषा में जवाब

By: May 25th, 2017 12:01 am

( डा. राजन मल्होत्रा, पालमपुर )

एक तरफ उग्रवाद, एक तरफ उग्रवाद को करारा जवाब। यदि इसे इस तरह कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति न होगी। एक तरफ जहां इंग्लैंड के लंदन में मनचैस्टर में एक अमरीकी स्टार एशियान ग्रांदे के प्रोग्राम में आईएसआईएस ने धमाका किया और 22 निहत्थे लोगों की मौत हो गई और 59 लोग घायल हो गए, जो बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण रहा। ऐसा नहीं होना चाहिए था, पर जब तक आईएसआईएस का सफाया नहीं होगा उग्रवाद समाप्त नहीं होगा। संपूर्ण विश्व में इस कृत्य की निंदा हो रही है, जो स्वाभाविक है, परंतु दूसरी ओर जिस प्रकार पाकिस्तान के उग्रवाद को उत्तर देने के लिए 24 सेकंड में पाकिस्तान की नौ चौकियों को तबाह कर दिया गया, वह स्वागत योग्य है। अब पाकिस्तान को पता चल गया होगा कि दो भारतीय सैनिकों को मार कर उनके सिर काटकर फेंकने का नतीजा क्या होगा? उधर कश्मीर के नौगाम सेक्टर में हुए आतंकी हमले में मारे गए तीन शहीद जवान  गोरखा प्रशिक्षण केंद्र सुबाथू के थे। उनके नाम उमर बहादुर पुन, गिरीश गुरुंग एवं राबिन शर्मा थे। तीनों  जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की रक्षा की। देश उनके बलिदान का हमेशा ऋणी रहेगा। हमें पाकिस्तान की इस गलतफहमी को दूर करना होगा कि भारत सिर्फ बातें ही करता है और कुछ नहीं कर सकता। और भारत ने दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक करके उसकी यह गलतफहमी भी दूर कर दी कि भारत बेशक शांति पसंद है, पर वह अपनी सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए कोई भी कदम उठा सकता है।

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