रोहडू में ओले, सेब की फसल तबाह
रोहड़ू — रोहड़ू के कई क्षेत्रों में रविवार शाम को भारी ओलावृष्टि हुई है, जिसमें सुंगरी, खदराला, नारडू, समरकोट के दर्जनों गांव पूरी तरह से प्रभावित हुए हैं। कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि इतनी अधिक रही है कि इससे, जहां सेब की फसल को नुकसान पहुंचा है, वहीं इससे नाशपाती व अन्य फलों व सब्जियों को नुकसान हुआ है। सुंगरी बैल्ट में सबसे अधिक, जिन गांवों को ओलावृष्टि से नुकसान पहुंचा है उसमें समरकोट, भलूण, शरमाली और नारडू बैल्ट में नगेली, कुई, बारला खदराला में खंगटेड़ी, पगास, बजैशल और सरास तक भारी ओलावृष्टि हुई है। वहीं बच्छूंछ में भी कम ओलावृष्टि हुई है, जिससे आंशिक रूप से सेब को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा सीमा के साथ लगते क्षेत्रों में बट्टू, रंटाड़ी, बिजोरी सहित कई गांवों में भी भारी ओलावृष्टि होने की सूचना है। पिछलेे सप्ताह में रोहडू के मंडलगढ़, नावर और छौहारा क्षेत्र के हजारों एकड़ में फैले सेब बागीचों में अब तक ओलावृष्टि से 50 करोड़ रुपए की सेब आर्थिकी को नुकसान पहुंचा है। रोहड़ू क्षेत्र के 60 फीसदी से अधिक बागीचे ओलों की चपेट में आ चुके हैं और आने वाले समय में नुकसान का आंकड़ा 50 करोड़ रुपए के पार भी पहुंच सकता है। इस बारे में बागबानों ने प्रदेश सरकार व बागबानी विभाग से ओलों से हुए नुकसान का जायजा लेने की मांग उठाई है। भाजपा मंडल रोहड़ू के अध्यक्ष राजेश भ्रांटा ने बताया कि अभी तक प्रदेश सरकार की ओर से ओलावृष्टि से राहत देने के लिए कोई भी रिपोर्ट तैयार नहीं की गई है। रोहड़ू के लगभग सभी बागबानों की केसीसी बनी है, जिस पर मौसम की मार के लिए बीमा योजना स्वतः ही रजिस्टर होने का प्रावधान है। प्रदेश सरकार की ओर से ओला प्रभावित क्षेत्रों के लिए मुआवजे का प्रावधान होना चाहिए।
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