वीआईपी कल्चर में आम आदमी नजरअंदाज

By: May 1st, 2017 12:07 am

पहाड़ों की रानी शिमला का हर कोई है दीवाना, जो भी आया यहीं का होकर रह गया

newsशिमला – बर्फ की सफेद चादर ओढ़ने वाली हिल्स क्वीन कई मायनों में खास है। इसकी खासियत सिर्फ अंग्रेजों की राजधानी होना ही नहीं है। बल्कि इसके बाद लगातार यहां बसते वीआईपी भी हैं, जिन्होंने शहर  के अंदाज को ही बदल डाला। शिमला में वीआईपी कल्चर सालों पुराना है। कई पुरानी व नई फिल्मों का फिल्मांकन यहां किया गया, जिसके बाद बॉलीवुड की मशहूर हस्तियां यहां पर बस गईं। पर्दे पर चमकने वाले कई सितारों का शिमला से नाता रहा है। वहीं सीमा पर जंग लड़ने वाले कई नामी फौजी भी यहां रहे ,जिनसे शहर का अंदाज भी वीआईपी हो गया। वीआईपी अंदाज वाले इस शहर में आम लोगों के लिए कई तरह की कठिनाइयां आज पेश आ रही हैं। बड़े नेताओं के यहां पर ठिकाने होने के चलते आम जनता को तो सड़क पर से गुजरना भी मुश्किल हो गया है। यही एक कारण है कि खास शिमला के लिए सरकार को पैडेस्ट्रियन एक्ट लागू करना पड़ा , जिससे लोगों को पैदल चलने की आजादी मिल सके। जिन रास्तों पर यहां के लोग कभी पैदल गुजरा करते थे वहां पर आज वीआईपी वाहनों का काफिला दौड़ता रहता है। शहर के भीतर क्षेत्रों में जाने वाले छोटे-छोटे मार्गों पर बड़े-बड़े वाहन ऐसे निकलते हैं कि वहां कोई पैदल नहीं चल सकता। अब इसका हल भी कैसे निकलेगा क्योंकि पहले ही व्यवस्थित रूप से शहर का विकास नहीं किया गया, जिसे जहां जगह मिली उसने वहां बहु मंजिला मकान खड़ा कर दिया और उसके बाद उसे पार्किंग के लिए भी जगह चाहिए। ऐसे में वीआईपी अंदाज में भुरभुराता ये शहर आम जनता के हितों की रक्षा नहीं कर पाता। शिमला शहर में 80 फीसदी वीआईपी हैं जो कि वाहनों से ही आया व जाया करते हैं। यहां के तंग हाल रास्ते इनके आवागमन के लिए ही पूरे पड़ते हैं। रास्तों के साथ लगते मकान व्यवस्था पर प्रहार करते दिखाई देते हैं, लेकिन कोई इस पर रोक नहीं लगा पा रहा। यही वजह रही कि शिमला में कंकरीट का जंगल खड़ा हो गया है।

शिमला से चलती सरकार के चलते भीड़-भाड़

शिमला से प्रदेश की सरकार चलती है, जिसके कारण यहां पर भीड़भाड़ काफी ज्यादा रहती है। हजारों लोग यहां पर प्रदेश भर से आते हैं और वो भी वाहनों के साथ। इतनी जगह यहां पर नहीं परंतु जैसे-तैसे काम चलाया जा रहा है। सरकार  यहां होने से स्वभाविक है कि वीआईपी कल्चर तो होगा ही ऐसे में उन आम लोगों की कोई परवाह नहीं की गई जो  रास्तों पर पैदल चलते हैं।

फौजियों की पसंद बनी हिल्स क्वीन

शिमला व इसके आसपास के क्षेत्रों में सेना में रहे कई सेवानिवृत्त जनरल, मेजर जनरलों, बिग्रेडियर व कैप्टनों ने भी अपने मकान बना रखे हैं। ऑपरेशन ब्लू स्टार के  एक नामी स्वर्गीय अधिकारी का नालदेहरा के पास सालों पुराना आशियाना है। शिमला के ब्रॉकास्ट में पंजाब के पूर्व डीजी का मकान है वहीं कई सेवानिवृत्त फौजी यहां पर रहते हैं।

शिमला में उद्योगपतियों के आशियाने

शिमला में उद्योगपतियों का भी डेरा है। यहां जैक्सन एयरवेज के मालिक ने जाखू क्षेत्र में जाखू रोप-वे के साथ अपना मकान बनाया है। वहीं एक वाहन कंपनी के मालिक का भी शिमला में आशियाना मौजूद है।

जो भी बाहर से आए, यहीं के होकर रह गए

शिमला में आईएएस, आईपीएस व आईएफएस कॉडर के कई अधिकारी हैं, जिन्होंने मकान बना रखे हैं। बाहर से जो अधिकारी यहां पर आए वे आज यहीं के होकर रह गए। कइयों ने यहां ऊपरी शिमला में जमीनें ले रखी हैं। इन लोगों के लिए जमीन खरीदने और मकान बनाने के लिए समय-समय पर नियमों को भी दरकिनार किया गया, जिसके कई उदाहरण हैं।

भराड़ी में मनमोहन तिवारी ने खरीदा घर

इन दिनों टीबी शो भाभी जी घर पर हैं के मनमोहन तिवारी ,जिनका नाता हिमाचल से है ने भराड़ी में नया आशियाना खरीदा है। वह भी अब यहीं के हो गए हैं।

इन हस्तियों के आशियाने

शिमला व इसके आसपास के इलाकों की बात करें तो यहां पर वीआईपी लोगों की भरमार है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह समेत कई नेताओं के घर शिमला में बने हुए हैं। बालीवुड की कई हस्तियों के आशियाने यहां पर हैं। अनुपम खेर शिमला से ताल्लुख रखते हैं। हाल ही में उन्होंने टूटू में अपनी मां के लिए एक मकान खरीदा है। स्वर्गीय बलराज साहनी का भी शिमला से नाता रहा है, जिनके पुत्र परिक्षित साहनी भी शिमला आते हैं।  संजौली में प्रीति जिंटा का अपना मकान है जो कि कोटखाई से ताल्लुख रखती हैं। शिमला के साथ लगते क्षेत्र में प्रेम चोपड़ा और वहीदा रहमान ने भी बागीचे ले रखे हैं। मदन पुरी का भी शिमला से नाता रहा है।

छराबड़ा में प्रियंका वाड्रा बना रहीं आशियाना

शिमला के साथ लगते छराबड़ा में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पुत्री प्रियंका गांधी वाड्रा अपना मकान बना रही हैं। वह हर दूसरे महीने मकान के निर्माण कार्य के लिए यहां पर पहुंचती है। सोनिया गांधी भी यहां लगातार आ रही हैं। इनके अलावा तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ सांसद ने जमीन खरीद रखी है।

जाखू में शीशे वाली कोठी

जाखू क्षेत्र में शीशे वाली कोठी के नाम से मशहूर एक पुरानी इमारत कभी कांग्रेस के संस्थापक एओहयू्म की होती थी। यहीं से उन्होंने कांग्रेस विचारधारा की शुरुआत की। इस भवन के साथ मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का निजी आशियाना हॉलीलॉज भी है।

पैडेस्ट्रियन एक्ट का क्या असर

सरकार ने पैदल चलने वालों को लिए पैडेस्ट्रियन एक्ट बनाया है। इस कानून को लागू तो किया गया, लेकिन इसका इतना असर दिखाई नहीं देता। यहां पर  कई मार्ग प्रतिबंधित की श्रेणी में आते हैं जिन पर वाहन ले जाने के लिए परमिट जरूरी हैं। हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद  इन पर वाहन ले जाने के नियम कुछ कड़े किए गए हैं , लेकिन अभी भी वीआईपी की गाडि़यां तो यहां पर फर्राटे भर ही रही है, जिनके लिए कोई रोक-टोक नहीं है। चालान फिर भी आम जनता के वाहनों के ही होते हैं।

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