सड़क हादसों से सहमा सिरमौर

By: May 1st, 2017 12:05 am

नाहन —  जिला की भाग्यरेखाएं कही जाने वाली सड़कें मानव खून की प्यासी हो गई हैं। जिला सिरमौर में न केवल आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं बल्कि बीते सप्ताह तो जिला में सड़क हादसों की भरमार रही। इन सड़क दुर्घटनाओं में करीब एक दर्जन से अधिक लोग बेमौत मारे गए। जिला में सबसे दर्दनाक हादसा सिरमौर शिमला की सीमा पर राजगढ़ के पास हुआ, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई। अभी 10 घंटे भी नहीं बीते थे कि इन 10 घंटों के भीतर जिला में यकायक चार और दुर्घटनाएं हो गई। इनमें हरिपुरधार के समीप एक आल्टो खाई में गिरी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से जख्मी हो गया। जिला के रेणुका-सतौन मार्ग पर एक गाड़ी अनियंत्रित होकर खड्ड में गिर गई, जिसमें एक व्यक्ति की मौत तथा एक घायल हो गया। जिला के नाहन-कालाअंब मार्ग पर मोगीनंद के समीप एक तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक को टक्कर मारी, जिसमें युवती की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि युवक घायल हो गया। पांवटा साहिब के रामपुरघाट में एक महिला थ्रैसर की चपेट में आने से जान से हाथ धो बैठी। यही नहीं जिला सिरमौर की भाग्यरेखाएं अब मानों मानव खून की प्यासी बनती जा रही हैं।

जमा दो में छाए जिला के होनहार

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा हाल ही में घोषित किए गए जमा दो के वार्षिक परीक्षा परिणाम में जिला सिरमौर के होनहारों ने अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया। बोर्ड परीक्षाओं में जमा दो की कला, वाणिज्य व विज्ञान संकाय के टॉप-10 में जिला सिरमौर के करीब 12 विद्यार्थियों ने जगह बनाई है, जबकि वाणिज्य संकाय में जिला की बेटी प्रदेश भर में टॉपर रही। जिला में एक बार फिर बेटियों ने बेटों को पीछे छोड़कर बेटी है अनमोल के मायने सार्थक किए। टॉप-10 में जिला के करीब 12 विद्यार्थी आए हैं जिसमें से आठ बेटियां हैं।

नशे के खिलाफ अभियान भी-नशे का व्यापार भी

जिला प्रशासन द्वारा समूचे जिले में भांग व अफीम की खेती उखाड़ो अभियान चलाया जा रहा है, ताकि जिला में नशे पर अंकुश लगाया जा सके, वहीं दूसरी ओर सरकार द्वारा धड़ल्ले ग्रामीण व शहरी इलाकों में शराब के ठेके खोले जा रहे हैं। भले ही भांग व अफीम की खेती की खिलाफत किसी ने नहीं की लेकिन शराब के ठेकों के खिलाफ पूरे जिला में विरोध के स्वर मुखर हो रहे हैं। न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में बल्कि जिला मुख्यालय नाहन व पांवटा साहिब में भी महिलाएं शराब ठेकों के खिलाफ सड़क पर उतर रही हैं।

उद्योगों में सुरक्षित नहीं कामगार

जिला सिरमौर में स्थापित कारखानों में श्रमिक सुरक्षित नहीं हैं। न तो इन कारखानों में प्राकृतिक आपदा से निपटने के कोई पुख्ता इंतजाम हैं और न ही कामगारों को हीट रिफ्लेक्टिड दस्ताने, हेलमेट, जूते व एपरिन है। यही नहीं मजेदार बात तो यह है कि जिला सिरमौर में करीब 1700 उद्योग हैं जिसमें से केवल 65 कारखानों के पास ही फायर की एनओसी है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला के उद्योग कामगारों के लिए कितने सुरक्षित हैं।

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