साहसिक खेलों के लिए स्वर्ग है हिमाचल

By: May 5th, 2017 12:03 am

भूपिंदर सिंह

लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं

हिमाचल प्रदेश में वैसे भी करोड़ों सैलानी प्रतिवर्ष यहां आते हैं। साहसिक खेलों के द्वारा सैलानियों को लुभाकर हिमाचल प्रदेश में जहां पर्यटन उद्योग से हजारों को रोजगार मिलेगा, वहीं पर हिमाचली इन साहसिक खेलों में निपुण होंगे…

वर्षों बाद ही सही, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला अब राज्य में पानी की खेलों में अंतर विश्वविद्यालय प्रतियोगिता आयोजित करवाने के लिए भारतीय विश्वविद्यालय खेल परिषद में अपना दावा पेश कर रहा है। राज्य में वैसे तो अब कई जगह विद्युत परियोजनाएं  स्थापित होने के कारण मानव निर्मित झीलें बन कर तैयार हो गई हैं। इन में से गोबिंदसागर, पौंग बांध तथा कौल बांध में पानी की विभिन्न खेलों की स्पर्धाएं आयोजित करवाने में कोई भी दिक्कत पेश नहीं आती है। पौंग बांध में पंजाब, गुरुनानक तथा पंजाबी विश्वविद्यालय कई बार अंतर विश्वविद्यालय प्रतियोगिताएं हिमाचल में आकर करवा चुके हैं। हिमाचल प्रदेश वाटर स्पोर्ट्स के प्रशिक्षक विभिन्न महाविद्यालयों के छात्रों को इन खेलों के प्रशिक्षण के लिए बुलाते रहते हैं, मगर खेल प्रशिक्षण लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। इसलिए अच्छा होगा कि इन झीलों के नजदीक चल रहे राजकीय महाविद्यालयों में खेल विंग बनाकर राज्य के प्रतिभावान खिलाडि़यों का चयन कर इस खेल को बढ़ावा दिया जाए। इसी तरह स्कूली स्तर पर भी खेल छात्रावास बनाकर राज्य में पानी की खेलों में हिमाचल प्रदेश के किशोरों को उत्कृष्टता दिलाने के लिए सरकार को राज्य स्तर पर प्रयत्न करना चाहिए। विभागीय स्तर पर अगर इस दिशा में कुछ गंभीर प्रयास होते हैं, तो इससे खेल संस्कृति को निश्चित तौर पर एक नई प्राण ऊर्जा मिलेगी। वैसे भी हिमाचल प्रदेश को कुदरत ने साहसिक खेलों के लिए निर्मित किया है। यहां पर ऊंचे बर्फ के पहाड़ हैं, वहां उनकी ढलानों पर बर्फ के खेल को मैदान भी आसानी से तैयार हो सकते हैं।

कुल्लू के सोलंगनाला में बर्फ की खेलों को सीखते हिमाचल के कई युवा शीतकालीन ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। मनाली के शिव केशवन 2018 में छठी बार शीतकालीन ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस एशियाई रिकार्डधारी की प्रेरणा से कुल्लू जिला से कई शीतकालीन खेलों के खिलाड़ी सामने आए हैं। सरकार को इस ओर भी ध्यान देकर राज्य खेल छात्रावास मनाली में खोलना चाहिए। प्रदेश शासन चाहे, तो इन संभावनाओं की गहराई से पड़ताल के लिए स्थानीय प्रशासन व जनता का भी सहयोग ले सकता है। वैसे तो भारतीय पर्वतारोहण निदेशालय  भी मनाली में है और इसी के कारण डिक्की डोलमा तथा अन्य कई पर्वतारोही सागरमाया को चूम पाने में सफल हुए हैं, मगर राज्य सरकार को भी पर्वतारोहण को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने चाहिए। इस समय हिमाचल प्रदेश का बिलिंग पैराग्लाइडरों का स्वर्ग है। धौलाधार की बराबरी पर जब मानव परिंदें उड़ते हैं, तो उन्हें स्वर्ग में उड़ने की अनुभूति  होती है। हिमाचल को प्रकृति से यह अद्भुत सौगात मिली है, जिसके आकर्षण में कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पैराग्लाइडर खिंचे चले आते हैं। वहीं प्रदेश के युवाओं का भी इस खेल की ओर विशेष झुकाव और लगाव है। बीड़ बिलिंग की ही तरह मंडी, बिलासपुर, कुल्लू , चंबा, शिमला, सोलन, सिरमौर आदि कई स्थानों पर से पैराग्लाइडिंग की जा सकती है। हिमाचल प्रदेश का खेल विभाग भी दुनिया भर के पैराग्लाइडरों को बुलाकर बिलिंग में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता करवा रहा है। अच्छा होगा हिमाचली पैराग्लाइडरों को भी प्रोत्साहन दिया जाए।

हिमाचल में सतलुज, ब्यास, रावी, चिनाब सहित कई सहायक नदियां बहती हैं। इनमें रिवर राफ्टिंग जैसे साहसिक खेल को बड़े पैमाने पर शुरू कर पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा दिया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश में वैसे भी करोड़ों सैलानी प्रतिवर्ष यहां आते हैं। साहसिक खेलों के द्वारा सैलानियों को लुभाकर हिमाचल प्रदेश में जहां पर्यटन उद्योग से हजारों को रोजगार मिलेगा, वहीं पर हिमाचली इन साहसिक खेलों में निपुण होंगे। इस सबसे हटकर हिमाचल को इन खेलों का केंद्र बनाकर प्रदेश को एक नई व विशिष्ट पहचान मिलेगी। सरकार का दायित्व होता है कि वह अपनी प्रतिभाओं के विकास के लिए उन्हें उचित मंच प्रदान करे, जहां वे अपनी प्रतिभा को निखार सकें। प्रदेश में प्रतिभाओं की भी कोई कमी नहीं है। सरकार की तरफ से उचित सुविधाएं न मिलने के बावजूद प्रदेश के कई युवा व्यक्तिगत प्रयासों से इन खेलों को सीख रहे हैं। सरकारी मदद से यह उत्साह और भी बढ़ेगा। अगर राज्य सरकार इस ओर ध्यान देती है, तो इससे जहां हिमाचली खिलाडि़यों को सुविधा मिलेगी, वहीं पर पर्यटन उद्योग को बहुत बढ़ावा मिलेगा। पहाड़ी प्रदेश में इससे रोजगार और खेल दोनों को नए रास्ते मिलेंगे। ऐसे में प्रदेश सरकार से उम्मीद है कि वह संजीदा होकर प्रदेश में साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करेगी।

ई-मेल : penaltycorner007@rediffmail.com

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