स्वां पर प्रधानमंत्री से करेंगे बात

By: May 26th, 2017 12:03 am

तटीकरण में लेटलतीफी से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह चिंतित, मोदी से उठाएंगे देय राशि का मामला

newsशिमला –  मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह स्वां तटीकरण में हो रही लेटलतीफी को लेकर चिंतित है। उनका कहना है कि अब इस मसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उठाएंगे। गुरुवार को शिमला में स्वां नदी तटीकरण प्राधिकरण की शासकीय निकाय की बैठक में उन्होंने परियोजना के लिए केंद्रीय सहायता में देरी पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जल संसाधन मंत्रलाय द्वारा स्वां नदी की सभी सहायक नदियों के तटीकरण के लिए 922.485 करोड़ रुपए की परियोजना को मंजूरी दी थी। परियोजना का वित्त पोषण 70:30 के तहत होना था और समझौते के अनुसार केंद्रीय मंत्रालय द्वारा परियोजना का 70 प्रतिशत, जबकि प्रदेश सरकार द्वारा 30 प्रतिशत वहन करना था। मुख्यमंत्री ने कहा कि धनराशि न मिलने के कारण स्वां नदी पर यदि तटबंध न किया गया तो पहले पूर्ण किए गए कार्यों को बाढ़ से नुकसान होगा। उन्होंने अधिकारियों को प्रधानमंत्री को सभी जानकारी और समझौते के तहत जारी केंद्रीय भागीदारी के संदर्भ सहित पत्र लिखने के निर्देश दिए। पहले वर्ष में परियोजना की लागत 330 करोड़ थी, जिसमें से प्रदेश सरकार द्वारा 99 करोड़ का योगदान देना था, जबकि शेष 231 करोड़ केंद्र द्वारा दिए जाने थे। वर्ष 2013-14 में 5.551 करोड़ की केंद्रीय सहायता जारी की गई। वर्ष 2014-15 में केंद्रीय जल संसाधन मंत्रलाय द्वारा परियोजना के लिए 107 करोड़ रुपए जारी किए गए, जबकि वर्ष 2015-16 तथा 2016-17 में केंद्र सरकार द्वारा क्रमशः 26 तथा 50 करोड़ रुपए जारी किए गए थे। प्रदेश सरकार ने मार्च, 2017 तक नाबार्ड से ऋण लेकर तथा अपने संसाधनों से 276 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि अब जब स्वां नदी की 24 सहायक नदियों का कार्य जारी है, जिसको पूरा करने के लिए 50 करोड़ की अतिरिक्त आवश्यकता है। स्वां तटबंध की कुल लंबाई लगभग 387.6 किलोमीटर है और 7164 हेक्टेयर क्षेत्र को बाढ़ से बचाया जाना है। अभी तक केवल 162.36 किलोमीटर तटबंधों का निर्माण व 2884 हेक्टेयर क्षेत्र को बाढ़ से बचाया गया है। आईपीएच मंत्री विद्या स्टोक्स, अतिरिक्त मुख्य सचिव तरुण श्रीधर और अरविंद मेहता, प्रधान सचिव अनुराधा ठाकुर, व अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस मौके पर मौजूद रहे।

छौंछ में खनन बैन

मुख्यमंत्री ने कांगड़ा जिला की छोंछ नदी में खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए, ताकि बाढ़ के दौरान अवैध खनन से क्षेत्र में जानमाल को कोई खतरा न हो।

केंद्र से 11 बार पत्राचार

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इस परियोजना में 30 प्रतिशत से अधिक का योगदान दे चुकी है और केंद्र सरकार से उसका हिस्सा जारी करने के लिए अगस्त, 2015 से 11 बार पत्राचार किया जा चुका है। उन्होंने स्वयं केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय को इस बारे में तीन बार लिखा। इसके अतिरिक्त अधिकारी स्तर पर आठ बार पत्राचार किया जा चुका है।

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