अब सीधे खातों में वित्तीय लाभ

By: Jun 17th, 2017 12:01 am

प्रदेश में एचआईवी प्रभावितों के लिए सरकार ने बनाई योजना

शिमला  —  एआरटी केंद्रों में पंजीकृत एचआईवी/एड्स मरीजों को आने-जाने का किराया और अन्य योजनाओं के तहत मिलने वाले वित्तीय लाभ अब सीधे मरीजों के खाते में जाएंगे। सरकार ने इसके लिए योजना तैयार कर दी है और स्वास्थ्य विभाग को इस बारे में प्रोपोजल तैयार करने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं। एआरटी सेंटरों में अपना इलाज करवा रहे एचआईवी प्रभावितों को सरकार की ओर से मुफ्त दवाइयां और इलाज उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें एक अटेंडेंट के साथ आने-जाने का किराया भी मुहैया करवाया जाता है। इसके लिए मरीजों को बस के टिकट दिखाने पड़ते हैं और कई बार सेंटरों और स्वास्थ्य केंद्रों के चक्कर काटने पड़ते हैं व मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए अब वित्तीय लाभों को सीधे मरीजों के खाते में भेजने की योजना है। इसके साथ साथ एचआरटीसी में मरीजों को पास उपलब्ध कराने के लिए परिवहन निगम से भी स्वास्थ्य महकमे की ओर से मुद्दा उठाया गया है। हालांकि राज्य में अभी एआरटी सेंटर में मरीजों द्वारा बस टिकट दिखाने पर उन्हें कैश दे दिया जाता है, लेकिन अब मरीजों को इस झंझट का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके साथ ही विभाग की ओर से सरकारी, निजी अस्पतालों और क्लीनिकों को ये आदेश दिए गए हैं कि हर मरीज के टेस्ट के लिए नई सिरिंज का इस्तेमाल किया जाए। जो ऐसा करता नहीं पाया गया और किसी को एचआईवी हो गया तो उसके खिलाफ क्रिमिनल केस बनेगा। वहीं प्रदेश वालंट्री हैल्थ एसोसिएशन के मुताबिक मरीजों के लिए सरकार द्वारा अभी तक किसी पेंशन व्यवस्था का प्रावधान नहीं किया गया है।

2025 तक एचआईवी फ्री होगा हिमाचल

स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश को 2025 तक एचआईवी फ्री करने का लक्ष्य रखा गया है। इसे पूरा करने के लिए प्रदेश तेजी से काम करने वाला है।

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