आईपीएच आफिस में स्टाफ नहीं

By: Jun 26th, 2017 12:05 am

गगरेट —  गर्मी के मौसम में जनता को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए बेशक सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग लाख दलीलें दे लेकिन धरातल की तस्वीर विभागीय सच्चाई की पोल खोलती प्रतीत हो रही हैं। विभाग में निचले स्तर पर पड़ा कर्मचारियों का अकाल भी तपिश महसूस करवा रहा है। प्रचंड गर्मी के मौसम के लिए प्रसिद्ध जिला ऊना में पेयजल किल्लत के लिए महज सूर्यदेव ही जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि विभाग के पास वह फौज ही नहीं है, जिसके सहारे पेयजल सप्लाई सुचारू रखी जा सके। सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के गगरेट उपमंडल में ही फील्ड स्टाफ के ही 298 पद रिक्त चल रहे हैं।  सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के गगरेट उपमंडल में 46 पेयजल योजनाएं तो 166 सिंचाई योजनाएं हैं। नियमानुसार प्रत्येक सिंचाई योजना पर एक पंप आपरेटर होना लाजिमी है तो प्रत्येक पेयजल योजना पर दो पंप आपरेटर होने चाहिएं। गगरेट उपमंडल में विभाग की 212 योजनाओं पर महज 52 पंप आपरेटर ही कार्यरत हैं। अन्य योजनाएं बेलदार या हेल्पर के सहारे ही चलाई जा रही हैं। अब अगर दो समय पेयजल उपलब्ध करवाना है तो पेयजल योजना का चौबीस घंटे चालू रहना लाजिमी है। अब जब पंप आपरेटर ही नहीं है तो फिर इन योजनाओं को चौबीस घंटे कौन चलाए। बेशक विभागीय अधिकारी जो मर्जी दावे करें, लेकिन जो हालात हैं, उनसे साफ जाहिर है कि गर्मी के इस मौसम में हालात ज्यादा ठीक नहीं रहेंगे। सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के सहायक अभियंता अश्विनी धीमान का कहना है कि विभाग के उच्च अधिकारियों को कर्मचारियों की कमी से अवगत करवाया है। उन्होंने माना कि कर्मचारियों की कमी गर्मी के मौसम में सुचारू पेयजल सप्लाई में दिक्कत उत्पन्न करती है।

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