कुत्ते फिर भी कुत्ते ही रहेंगे …

By: Jun 2nd, 2017 12:05 am

नाहन  —  नशे के हाथ जो लाचार होता है, हां वही आदमी बर्बाद होता है। कवि मामराज के इन शब्दों ने खूब समां बांधा। मौका था जिला भाषा कार्यालय नाहन एवं शंखनाद संस्था द्वारा तंबाकू दिवस पर नाहन में आयोजित जिला स्तरीय कवि सम्मेलन का। कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यू ईरा अकादमी स्कूल नाहन की प्रधानाचार्या शाहिना आलम ने की, जबकि जिला भाषा अधिकारी अनिल हारटा व रोड सेफ्टी क्लब के अध्यक्ष अमरजीत सिंह परमार ने बतौर वशिष्ट अतिथि शिरकत की। मंच संचालन युवा कवि पंकज तन्हा ने किया। सम्मेलन में नाहन व आसपास के क्षेत्रों से आए कवियों ने नशे के दुष्प्रभावों पर कविताएं पेशकर युवाओं से उससे दूर रहने का आह्वान किया। गोष्ठी की शुरुआत करते हुए उषा सूर्यवंशी ने छोड़ दो उन आदतों को, सरला गौतम ने नशे की लत में पड़कर, रामकुमार सैणी ने जनता फकत भुल्लकड़, धनवीर सिंह परमार ने नशे की शान को मिटाना, राकेश शर्मा ने मेरे अल्लाह मियां, मोहम्मद कयूम ने झुर्रियों में लिखा है कविता पेशकर रंग जमाया। सैनवाला से आए कवि चिरआनंद ने भल मानुष की जात है तंबाकू से दूर, गधा तलक खाता नहीं, तू क्यों मजबूर है, ददाहू से आए अनंत आलोक ने तंबाकू से घर भरे, नाना रोग हजार, व्यस्नी अब पछता रहा, खड़ा मौत के द्वार। श्रीकांत अकेला ने यूं जिंदगी की राह को रोशन बनाइए, सराहां से आए मामराज ने नशे की राह पे बहके कदम जिसके वो पाई-पाई को मोहताज होता है सुनाकर खूब तालियां बटोरी। पंकज तन्हा ने कुत्ते फिर भी कुत्ते ही रहेंगे, बेशक आप उन्हें दे ऐशो आराम की हर चीज, डा. ईश्वर राही ने तंबाकू, तंबाकू, तंबाकू कविता पेशकर खूब दाद बटोरी। इस मौके पर नासिर युसूफजेई ने गजल, कवि भुवन जोशी ने नशे के दुष्प्रभाव पर एक से बढ़कर एक दोहे पढ़कर खूब समां बांधा। कार्यक्रम में समाजसेवी दलीप सिंह वर्मा, अशोक सैणी सहित करीब तीन दर्जन श्रोतागण मौजूद रहे।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App