खड्ड का रुख पलटा तो सब खत्म

By: Jun 21st, 2017 12:05 am

गगरेट —  विकास खंड गगरेट की ग्राम पंचायत संघनेई के बाबू बनारसी दास हर साल की तरह इस साल भी बरसात का मौसम आते देखकर चिंतित हैं। चिंतित इसलिए कि इस बार भी अगर उनके खेत से कुछ दूरी पर गुजरने वाली संघनेई खड्ड का रुख पलटा तो उनकी फसल का तो नुकसान होगा ही बल्कि पानी से साथ बहकर आने वाले पत्थर व रेत खेत को भी बंजर कर देंगे। हालांकि स्वां नदी व इसकी सहायक खड्डों के तटीकरण का कार्य शुरू होने से इस बात को लेकर वह निश्चिंत थे कि तटीकरण हो जाने के बाद उनके खेत सदा-सदा के लिए बाढ़ के खतरे से महफूज हो जाएंगे, लेकिन स्वां नदी तटीकरण के बजट पर लगी रोक ने उनकी चिंता खत्म होने की बजाय और बढ़ा दी है। यह चिंता महज बाबू बनारसी दास की ही नहीं है बल्कि उन जैसे कई लोग हैं जो बरसात का मौसम नजदीक आते ही बाढ़ के खतरे को लेकर अपनी फसल व आबादी के बाढ़ की चपेट में आ जाने की कल्पना से ही चिंतित हैं। स्वां नदी व इसकी सहायक खड्डें हर साल बरसात में भारी तबाही मचाती रही हैं। हालांकि स्वां नदी व इसकी सहायक खड्डों का तटीकरण का कार्य शुरू होने के साथ यह आस प्रबल हुई थी कि बरसात अब इस जिला में कभी भी तबाही के निशान नहीं छोड़ पाएगी, लेकिन स्वां नदी की अधिकांश खड्डों का तटीकरण का कार्य पूरा न हो पाने के चलते जहां जिला ऊना पूरी तरह से बाढ़ के खतरे से महफूज नहीं हो सका है तो वहीं स्वां नदी तटीकरण पर भी खतरा गहरा गया है। स्वां नदी की सहायक खड्डों का तटीकरण न होने की सूरत में बरसात के मौसम में अगर इन खड्डों ने अपना रुख पलटा तो ये स्वां नदी पर लगे तटबांधों को भी भारी क्षति पहुंचा सकती हैं। विधानसभा क्षेत्र गगरेट में ही 26 खड्डें ऐसी हैं, जिनके तटीकरण का कार्य नहीं हो पाया है। जाहिर है कि एक भी भारी बरसात इस क्षेत्र का भूगोल बदलने में सक्षम होगी। इससे स्वां नदी का तटीकरण कर री-क्लेम की गई भूमि फिर से बंजर न बन जाए यह संशय बरकरार ही है।

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