नई संभावनाएं जगाता ओलंपिक खेल मेला

By: Jun 23rd, 2017 12:03 am

भूपिंदर सिंह

लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं

भूपिंदर सिंहहर वर्ष आयोजित होने वाली खेल प्रतियोगिताएं निचले स्तर पर खेल प्रतिभा खोज का उचित माध्यम हैं। 12 वर्ष बाद ही सही हिमाचल ओलंपिक खेल मेला राज्य में खेलों को एक नई दिशा जरूर देगा। ओलंपिक मशाल के माध्यम से राज्य में उभरते खिलाडि़यों को एक उचित संदेश जरूर जाएगा। जिससे वे खेलों की तरफ प्रेरित होंगे…

तीन दशक पूर्व जब राज्य खेल परिषद तथा राज्य युवा सेवाएं एवं खेल विभाग का गठन हो रहा था, उसी समय हिमाचल में ही ओलंपिक संघ का कार्यक्रम भी सुचारू रूप से शुरू हुआ था। रामलाल ठाकुर अध्यक्ष तथा टीएल वैद्य सचिव की जोड़ी ने हिमाचल में ओलंपिक आंदोलन को नई दिशा दी। हिमाचल की कठिन भौगोलिक धरा पर पहली बार 1999 में बिलासपुर शहर के मैदानों पर हिमाचल ओलंपिक खेलों का आयोजन किया गया था। तंग जगह के कारण यह खेल हो तो गए थे, मगर काफी परेशानी रही थी। उसके बाद 2004 में एक बार फिर यह खेल मंडी शहर में आयोजित किए गए। इस बार इन खेलों का आयोजन बेहतर था। दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह भारी वर्षा में भी यह खेल सुचारू रूप से संपन्न हुए थे। हमीरपुर की पुष्पा ठाकुर ने चार स्वर्ण पदक जीतकर इन खेलों के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का खिताब अपने नाम किया था। 2007 में जब धूमल सरकार सत्ता में आई, तो उसके बाद राज्य ओलंपिक संघ के हुए चुनावों में जेपी नड्डा अध्यक्ष तथा अनुराग ठाकुर सचिव बने। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार भी हिमाचल ओलंपिक संघ के एक बार अध्यक्ष रह चुके हैं।

इस समय हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर अध्यक्ष तथा राजेश भंडारी इस संघ के महासचिव हैं। 2004 के बाद यानी ठीक बारह वर्ष बाद हिमाचल ओलंपिक खेलों का आयोजन हमीरपुर में हो रहा है। इस कॉलम के माध्यम से इन खेलों का आयोजन करवाने की चर्चा कई बार हुई। हिमाचल प्रदेश खेलों में अभी तक भी बहुत पिछड़ा हुआ है। यह अलग बात है कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने हिमाचली खेलों के लिए अपने कार्यकाल में बहुत कार्य किया है। लगभग हर जिले में विभिन्न खेलों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की अति आधुनिक प्ले फील्ड बिछवाई हैं। इंडोर स्टेडियमों में भी वुडन फ्लोरिंग का कार्य पूरा करवाकर वहां भी हर सुविधा मौजूद करवाई है, मगर प्रशिक्षक व कर्मचारियों के अभाव में इन सुविधाओं का उपयोग ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा है। हिमाचल में खेल प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, मगर यहां पर स्तरीय खिलाड़ी तैयार करने के लिए वह वातावरण ही नहीं बन पाया है। राज्य में खेल संस्कृति का अभाव साफ देखने को मिलता है। हमारे शिक्षा संस्थान तथा सरकारी विभाग अपने यहां खिलाडि़यों को सहेज ही नहीं पा रहे हैं। राज्य के खेलों का प्रचार- प्रसार भी बहुत कम हुआ है। हमारे प्रदेश में ओलंपिक पदक विजेता के साथ एशियाई व राष्ट्रमंडल खेलों के कई पदक विजेता खिलाड़ी हैं, मगर राज्य में अधिकांश का न तो परिचय है और न ही सरकार ने उन्हें प्रश्रय दिया है। राज्य के अधिकांश खेल संघ अपनी जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता करवाने में नाकामयाब रहते हैं। कई खेल संघों की राज्य स्तरीय प्रतियोगिता भी कई वर्षों बाद आयोजित होती है। यह अलग बात है कि हर वर्ष जिला व राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं को मिलने वाले सरकारी अनुदान को ये संघ जरूर ले लेते हैं।

हर वर्ष आयोजित होने वाली खेल प्रतियोगिताएं निचले स्तर पर खेल प्रतिभा खोज का उचित माध्यम हैं। 12 वर्ष बाद ही सही हिमाचल ओलंपिक खेल मेला राज्य में खेलों को एक नई दिशा जरूर देगा। ओलंपिक मशाल के माध्यम से राज्य में उभरते खिलाडि़यों को एक उचित संदेश जरूर जाएगा। जिससे वे खेलों की तरफ प्रेरित होंगे। राज्य के लिए राष्ट्र व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाडि़यों को अधिक से अधिक ओलंपिक मशाल कार्यक्रम में शामिल किया जाता तो ज्यादा अच्छा रहता, मगर फिर भी इस आयोजन से राज्य में खेलों के प्रति किशोर व युवा अवस्था वाले खिलाडि़यों को प्रेरणा मिलेगी। इन खेलों में खिलाडि़यों व अधिकारियों के ठहरने के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर में प्रबंध किया गया है। वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के मैदान में अधिकतर खेलों का आयोजन होगा। एथलेटिक्स के लिए राजकीय महाविद्यालय परिसर में बिछे सिंथेटिक टै्रक पर स्पर्धाएं होंगी। इस तरह के आयोजन युवाओं को खेलों के प्रति आकर्षित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कोई भी काम जन सहयोग के बिना पूरा नहीं होता है। खेलों के इस महाकुभ में भी जन सहयोग जरूरी है। जैसे वन संपदा, खनिज या दूसरी अमूल्य चीजें प्रदेश की संपत्ति होती हैं, वैसे ही ये खिलाड़ी भी किसी प्रदेश की संपत्ति से कम नहीं होते। प्रदेश का नाम रोशन करना इन की जिम्मेदारी होती है, तो इनका सहयोग करना सरकार और विभाग तथा जनता की जिम्मेदारी है। ओलंपिक खेल मेला आयोजित करवाने पर हिमाचल खेल जगत अनुराग ठाकुर व उसकी टीम को बधाई तथा इन खेलों के सुचारू रूप से संपन्न होने के लिए शुभकामनाएं देता है।

ई-मेलः penaltycorner007@rediffmail.com

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