न नौकरी मिली, न आर्थिक मदद

By: Jun 28th, 2017 12:03 am

शहीद के बेटे का आरोप, सरकार ने पूरी नहीं की घोषणाएं

NEWSशिमला  — सरकार शहादत के समय शहीदों के परिजनों से सहयोग की घोषणाएं तो कर देती है, मगर ये घोषणाएं पूरी नहीं हो पाती हैं। यह आरोप मणिपुर में शहीद हुए बिलासपुर शाहतलाई के बलदेव कुमार शर्मा ने पुत्र विवेक शर्मा ने लगाए हैं। शिमला में शहीद के पुत्र विवेक शर्मा ने कहा कि उनके पिता 22 मई, 2016 को मणिपुर में उग्रवादियों से लोहा देते हुए शहीद हो गए थे। पिता के शहीद होने के बाद सरकार ने उन्हें बड़े-बड़े वादे किए थे, मगर एक वर्ष का समय बीत गया है, लेकिन ये घोषणाएं पूरी नहीं हो पाईं। उन्होंने कहा कि पिता के शहीद होने के सैनिक कल्याण और न्याय अधिकारिता मंत्री धनीराम शांडिल ने घोषणा की थी कि शहीद के पुत्र को सरकारी नौकरी देंगे। इसके अलावा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला शाहतलाई का नाम उनके नाम पर रखेंगे और पांच लाख की आर्थिक मदद करेंगे, मगर एक साल में कोई भी घोषणा पूरी नहीं हो पाई है। केवल मात्र सैनिक कल्याण बोर्ड बिलासपुर की ओर से 1.50 लाख रुपए की राशि दी गई। विवेक शर्मा ने कहा कि नौकरी के लिए वह एक साल से कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं, मगर सरकार शहीदों के परिवार से वादाखिलाफी कर रही है। विवेक शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार से भी मदद की गुहार लगाई थी। उन्होंने भी एक जवाब भेजा कि शिलांग में होने वाली भर्ती में कोशिश करें। यह गृह मंत्रालय की ओर से भेजे गए पत्र का जवाब था। जब वहां गया तो दौड़, मेडिकल, टाइपिंग टेस्ट सब कुछ लिया गया, बाद में बोला कि मैरिट बनेगी, लेकिन उन्हें बाहर करार दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने घोषणा की है कि सैनिक और अर्द्धसैनिक बलों में कोई फर्क नहीं रहेगा तो यह भेदभाव क्यों।

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