पांवटा को घोषित किया जाए नशामुक्त

By: Jun 3rd, 2017 12:05 am

पांवटा साहिब —  अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम के उपाध्यक्ष तपेंद्र सैणी की अगवाई में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पांवटा ने सीएम के समक्ष उठाई मांग पांवटा साहिब एक पवित्र धार्मिक स्थल है इसलिए इसे नशामुक्त घोषित किया जाए। यह मांग हिमाचल प्रदेश अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम के वाइस चेयरमैन सरदार तपेंद्र सिंह सैणी के नेतृत्व में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पांवटा के एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से की। यह प्रतिनिधिमंडल शिमला में मुख्यमंत्री से मिला। प्रतिनिधिमंडल में शामिल तपेंद्र सैणी और उनके साथ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पांवटा साहिब के उपप्रधान जत्थेदार सरदार हरभजन सिंह, बलविंद्र सिंह, जसंवत सिंह, मनजीत सिंह आदि ने मुख्यमंत्री को बताया कि पांवटा साहिब में प्रदेष का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है। और पांवटा में गुरु गोबिंद सिंह महाराज ने अपने जीवन के अमूल्य साढे़ चार साल बिताए है। इसलिए इस पवित्र शहर को नशामुक्त घोषित किया जाए। तभी यहां पर नशे में पर लगाम लगाई जा सकती है।

उर्दू के शिक्षकों को किया जाए रेगुलर

वहीं हिमाचल प्रदेश अल्पसंख्यक वित एंव विकास निगम के वाइस चेयरमैन सरदार तपेंद्र सिंह सैणी व पंजाबी व उर्दु शिक्षक संघ की अध्यक्ष अनुराधा शर्मा के नेतृत्व में शिक्षकों एक प्रतिनिधिमंडल भी सीएम से मिला। प्रतिनिधिमंडल मे शामिल इन शिक्षकों ने सीएम को बताया कि उनको प्रदेश सरकार ने 2010 में पीरियड के आधार पर नौकरी पर रखा है। तब से आज तक नियमित नहीं किया गया है।

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