पीजी डाक्टरों को प्री-मैच्योर रिटायरमेंट नहीं

By: Jun 7th, 2017 12:15 am

राज्य सरकार का कड़ा रुख, एमबीबीएस को 20 साल सेवा के बाद ही सेवानिवृत्ति

newsशिमला –  सरकारी काम छोड़ निजी प्रैक्टिस के आरोप में निलंबित किए गए डाक्टरों के खिलाफ सबूत ढूंढे जा रहे हैं। इस मामले में उन मरीजों को भी गवाह बनाया जाएगा, जिन्होंने डाक्टरों की शिकायतें की थीं। ऐसे में साबित होने पर इन डाक्टरों को बर्खास्त किया जाएगा और उनको सभी वित्तीय लाभों से वंचित किया जा सकता है। कौल सिंह ने बताया कि भविष्य में पीजी डाक्टरों को प्री-मैच्योर रिटायरमेंट न देने का निर्णय लिया गया है। पीजी डाक्टरों को रिटायरमेंट इसलिए नहीं मिल पाएगी, क्योंकि राज्य में विशेषज्ञों की कमी है। इसे देखते हुए डाक्टर पलायन न करें, इसलिए सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। इसके अलावा 20 साल की सेवा के बाद ही एमबीबीएस डाक्टरों को रिटायरमेंट मिलेगी। निजी प्रैक्टिस मामले में स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि सरकार डाक्टरों को पूरा लाभ दे रही है, बावजूद इसके वह नियमों की उल्लंघना कर रहे हैं। ऐसे सात डाक्टरों को हाल ही में निलंबित किया गया था। पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार डाक्टरों को एनपीए देती है। ऐसे में निजी प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इन डाक्टरों में डा. प्रशांत राणा चिकित्सा अधिकारी क्षेत्रीय अस्पताल चंबा, डा. दिनेश ठाकुर चिकित्सा अधिकारी क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर, डा. अश्विनी चिकित्सा अधिकारी क्षेत्रीय अस्पताल चंबा, डा. पंकज शर्मा चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नालागढ़, डा. अरविंद शर्मा चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा अस्पताल, डा. दीपक ठाकुर चिकित्सा अधिकारी क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर और डा. पंकज शर्मा चिकित्सा अधिकारी क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर शामिल हैं। उन्होंने भविष्य में भी इस तरह के मामले सामने आने पर डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।

जेनेरिक न लिखने पर कार्रवाई

जेनेरिक की जगह अन्य ब्रांड की दवाएं लिखने वाले डाक्टरों पर कार्रवाई करने का निर्णय भी लिया गया है। इसके लिए प्रिस्क्रिप्शन आडिट करवाने का निर्णय लिया है। अस्पताल में इसके लिए मरीजों की दो पर्चियों को तैयार किया जाएगा। पहली पर्ची सरकारी रिकार्ड में रहेगी और दूसरी मरीज को दे दी जाएगी।

एम्स को न लटकाएं नड्डा

एम्स के मुद्दे पर स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव की आड़ में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को ऐसे मामले को नहीं लटकाना चाहिए। कौल सिंह का कहना है कि यदि केंद्रीय मंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका शिलान्यास करने के लिए लाना चाहते हैं तो शीघ्र लाएं।

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