रूरल डिवेलपमेंट-ईवीएस में पीएचडी इस साल नहीं

By: Jun 19th, 2017 12:01 am

शिमला —  हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के नए विभाग में चल रहे कोर्स में इस सत्र से पीएचडी करने का मौका देश भर के छात्रों को नहीं मिल पाएगा। जून-जुलाई माह में जहां विभाग में पीएचडी कोर्स के लिए प्रवेश प्रक्रिया की तैयारियां शुरू होनी थीं, वहीं अभी तक विभाग में पीएचडी कोर्स शुरू करने की मंजूरी का मामला ही विवि प्रशासन की सहमति पर अटक गया है। एचपीयू के नए मल्टी डिसिप्लिनरी विभाग मे इस सत्र से दो विषयों में पीएचडी शु़रू की जानी थी। इसके लिए विभाग ने सभी तरह की तैयारी भी नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ टीचर ट्रेनिंग एंड ईआर चंडीगढ़ के साथ मिल कर पूरी कर ली थी। नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ टीचर ट्रेनिंग एंड ईआर चंडीगढ़ वह संस्थान है, जिसके साथ शैक्षणिक और शोध स्तर की गतिविधियों के लिए विवि के नए विभाग ने एमओयू साइन किया है।  इन दोनों संस्थानों की फैकल्टी एक साथ मिल कर  रूरल डिवेलपमेंट  में और एमएससी  एन्वायरनमेंट साइंस विषय में पीएचडी कोर्स शुरू करने हैं, लेकिन अब मामला विवि प्रशासन की मंजूरी पर अटक गया है। दोनों संस्थानों ने इस कोर्स को  शुरू करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। यही प्रस्ताव मंजूरी के लिए विवि को दिया गया है। रूरल डिवेलपमेंट में पीएचडी कोर्स शुरू करने वाला एचपीयू देश का पहला संस्थान बनने जा रहा है। इस कोर्स ेके लिए विवि ने प्रवेश प्रक्रिया भी आल इंडिया स्तर पर करवाने का फैसला लिया है। इससे न केवल प्रदेश के, बल्कि देश भर से छात्र प्रवेश के लिए एचपीयू के लिए आवेदन कर सकेंगे। अभी तक देश के किसी भी संस्थान में इस विषय को लेकर पीएचडी कोर्स शुरू नहीं किया गया है। विभाग में पीएचडी कोर्स शुरू करने को लेकर विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संस्था कार्यकारिणी परिषद की ओर से अंतिम मंजूरी मिल चुकी है। बावजूद इसके विभाग प्रस्ताव पर मंजूरी न मिलने के कारण कोर्स  शुरू करने की प्रक्रिया शुरू ही नहीं कर पा रहा है। एचपीयू में चल रहे इन कोर्सेज में मास्टर डिग्री छात्रों को दी जा रही है। अभी तक दो बैच इन कोर्स के पढ़कर विवि से निकल  चुके हैं। इन छात्रों के साथ-साथ अन्य छात्र भी, जो इन विषयों में पीएचडी करने के इच्छुक हैं, उन्हें इन कोर्स में पीएचडी शुरू होने का इंतजार है।

मंजूरी न मिलने से उठ रहे सवाल

विवि के मल्टी डिसिप्लिनरी विभाग मे रूरल डिवेलपमेंट और एमएससी एन्वायरनमेंट साइंस विषय में पीएचडी कोर्स  शुरू करने की मंजूरी पर अब सवाल उठने  लगे  हैं। तैयार प्र्रस्ताव पर विवि का मंजूरी देने के लिए लंबा इंतजार विभाग को खटक रहा है। इससे पहले भी एचपीयू हिंदी जर्नलिज्म कोर्स को विभाग में सुविधाएं न होने के अभाव का तर्क देकर कैंची चला चुका है।

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