हाईब्रिड फूलगोभी-ब्रोकली ने किए मालामाल

By: Jun 5th, 2017 12:05 am

पतलीकूहल —  देश में हाईब्रिड बीज बनाने वाली निजी कंपनियों की हौड़ लगी हुई है, जिससे लोग निजी दुकानों से ही सब्जियों के बीजों की खरीददारी करते हैं। लोगों का कहना है कि सरकारी क्षेत्र में अंग्रेजी सब्जियों के बीज नाममात्र ही आते हैं, लेकिन बाजार में निजी बीज विक्रेताओं से पर्याप्त मात्रा में और उनकी इच्छा के मुताबिक बीज उपलब्ध रहता है।  कृषि में इस क्षेत्र में तकरीबन 90 फीसदी लोग सब्जियों को उगाने में जोर दे रहे हैं। क्योंकि अंगे्रजी सब्जियों में ब्रोकली, सलाद, चाइना कैबेज, सेलेरी सहित फूलगोभी इत्यादि सब्जियों की पनीरी तैयार कर उनका पौधारोपण कर हैं। वहीं, सबसिडी में आए मटर को लोग खरीदते हैं, जो कि तकरीबन 64 रुपए से 90 रुपए प्रति किलो मिल जाता है, लेकिन पिछले तीन चार वर्षों से जिस तरह से  एग्जोटिव (अंग्रेजी) सब्जियों का प्रचलन बड़ा है, उससे क्षेत्र में लोगों ने इसी पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। यहां तक कि लाहुल-स्पीति में उनकी पारंपारिक खेती आलू व मटर की बिजाई का कार्य अंग्रेजी सब्जियों ने ले लिया है। इन सब्जियों के उत्पादकों का कहना है कि अंग्रेजी सब्जियों के उत्पादन से उनकी कमाई मटर व आलु से बेहतर रहती है। उन्होंने बताया कि हाईब्रिड फूलगोभी का बीज प्रति 10 ग्राम 350 रुपए, ब्रोकली प्रति 10 ग्राम 650 रुपए मिलता है। इन बीजों के लिए किसान थोक में बीज उठाता है, लेकिन सरकारी सेंटरों पर बड़ी मात्रा में बीज नहीं मिलता और नाकाफी रहता है, लेकिन निजी दुकानों में जितना चाहें उतना बीज मिलता है, जिसकी किसानों को मांग रहती है। किसानों का  कहना है कि अंग्रेजी सब्जी लगाने से पिछले तीन-चार वर्षों से उनकी आमदनी में इजाफा हुआ है। आजकल ब्रोकली सब्जी मंडियां में 70 रुपए प्रति किलो बिक रही है। पतलीकूहल क्षेत्र में परंपरागत धान व गेहूं का स्थान सेब ने लिया है, जिससे प्रति बीघा नकदी फसल से लाभ पहुंच रहा है।  अब किसान-बागबान कमाई के लिए नए तरीकों व ऐसी फसल को अपना रहा है, जिससे वह गाढ़ी कमाई कर सकें।

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