खुदकुशी का मुआवजा किसानों की समस्या का हल नहीं

By: Jul 7th, 2017 12:04 am

newsनई दिल्ली— देश में हो रही किसान आत्महत्याओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नसीहत दी है। कोर्ट ने दो टूक अंदाज में कहा कि किसान की खुदकुशी के बाद मुआवजा देना समस्या का हल नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार को लोन के प्रभाव को कम करने की जरूरत है। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि सर्वोच्च अदालत सरकार के खिलाफ नहीं है। किसान आत्महत्या का मसला रातोंरात नहीं सुलझाया जा सकता। चीफ जस्टिस जेएस खेहर, और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार को किसानों के लिए चल रही योजनाओं को अमली जामा पहनाना होगा। बैंच ने कहा कि सरकार को पूरी ताकत किसानों के लिए तैयार कल्याण योजनाओं को कागजों से निकालकर अमल करने में लगानी होगी। कोर्ट ने कहा कि सरकार सही दिशा में काम कर रही है, लेकिन किसानों के आत्महत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस दिशा में काम करने के लिए जो भी कदम उठाने की जरूरत है, आप उठाइए। कोर्ट आपके साथ कदम मिलाकर चलेगा। किसानों को ऋण दिए जाने पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अगर किसी भी किसान को लोन दिया जाता है तो पहले उसका फसल बीमा होगा। फिर किसान लोन डिफॉल्टर कैसे हो गया? अगर फसल बर्बाद होती है तो लोन चुकाने का जिम्मा बीमा कंपनियों का होगा।

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