चक्कर काट घिसे जूते, नहीं हुई निशानदेही

By: Jul 17th, 2017 12:05 am

बिलासपुर —  कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन से विस्थापित हुए टाली गांव के 13 लोग अपनी शेष बची अपनी निजी भूमि की हुई निशानदेही की रिपोर्ट के लिए तहसीलदार स्वारघाट के कार्यालय के चक्कर लगाकर थक गए हैं मगर बावजूद इसके उन्हें उनकी भूमि की हुई निशानदेही की रिपोर्ट किसी भी अधिकारी ने देना गवारा नहीं समझा। टाली गांव की अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित नाजरा बेगम ने बताया कि उसकी जमीन फोरलेन के लिए अधिगृहित हुई थी। उसने बताया कि उसने अपनी शेष बची भूमि की नियमानुसार निशानदेही करवाने के लिए आवेदन किया था। जिस पर तहसील स्वारघाट कार्यालय ने फोरलेन के अधिकारियों के साथ मिलकर 28 व 29 दिसंबर, 2016 तथा 4 जनवरी , 2017 को मौके पर जाकर निशानदेही की। इस बात की पुष्ठि उक्त विभाग ने आरटीआई के माध्यम से दी जानकरी में बताया कि विभागीय अधिकारियों ने मौके पर जाकर बुर्जियां लगाई हैं।समिति के महासचिव मदन लाल शर्मा ने बताया कि इस संबध में मुख्य सचिव प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर इस मामले में संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई करने की मांग की तथा इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर हल करने का आग्रह किया। उधर, इस बारे में तहसीलदार स्वारघाट जसपाल ने बताया कि संबधित महिला को निशानदेही की रिपोर्ट मुहैया करवा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि महिल को परेशान करने की विभाग की कोई मंशा नहीं है। उन्होंने बताया कि यह रिकार्ड पटवारखाना जगातखाना में मौजूद है। संबंधित पटवारखाने में मौजूदा समय कोई पटवारी नहीं है। उन्होंने बताया कि संबधित पटवारखाने का अतिरिक्त कार्यभार किसी और पटवारी को दिया गया है। संबधित पटवारी को सोमवार को जगातखाना में आकर इस रिपोर्ट को संबधित महिला को देने के आदेश किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वह फोरलेन विस्थापितों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करने के लिए प्रयासरत हैं।

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