रौड़ा डिस्पेंसरी में डाक्टर ही नहीं

By: Jul 13th, 2017 12:01 am

बिलासपुर —  बिलासपुर शहर के रौड़ा सेक्टर में स्थित डिस्पेंसरी में चिकित्सक न होने से स्थानीय जनता को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले आठ महीने से डाक्टर का पद रिक्त चल रहा है। हालांकि कई बार इस बाबत स्थानीय जनता ने आवाज बुलंद की, लेकिन अभी तक समस्या का स्थायी तौर पर समाधान नहीं हो सका।  इसके चलते लोगों में स्वास्थ्य प्रशासन के प्रति भारी रोष पनप गया है। यहां बता दें कि डियारा डिस्पेंसरी के डाक्टर को रौड़ा का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है, लेकिन यह व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है। इससे दोनों जगह काम प्रभावित हो रहा है। बिलासपुर शहर में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए रौड़ा व डियारा सेक्टरों में डिस्पेंसरियां खोली गई हैं क्योंकि जिला अस्पताल में मरीजों की काफी भीड़ रहती है, लिहाजा काफी संख्या में शहर के लोग उपचार के लिए इन्हीं डिस्पेंसरियों में आते हैं। इतना ही नहीं, शहर के आसपास के गांवों के लोग भी इन्हीं डिस्पेंसरियों का रुख करते हैं। डियारा डिस्पेंसरी के डाक्टर के पास आरकेएस का जिम्मा होने के साथ ही कई बार जिला अस्पताल में उनकी नाइट ड्यूटी भी लगाई जाती है। इसके चलते वे दोनों डिस्पेंसरियों को पर्याप्त समय नहीं दे पाते। रौड़ा सेक्टर के साथ ही बामटा, बध्यात, कोठी चौक, तरेड़ व तलवाड़ आदि गांवों के लोगों श्यामलाल शर्मा, भागीरथ, रामपाल, सुरजीत, पवनजीत, किरपा राम, मनसाराम, राजकुमार, विवेक, शकुंतला, विद्या, कौशल्या, उपासना व सावित्री आदि का कहना है कि रौड़ा डिस्पेंसरी में डाक्टर की सेवाएं स्थायी रूप से नहीं मिल पाने की वजह से उपचार के लिए आने वाले मरीजों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ता है। लोगों ने सरकार व स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि रौड़ा डिस्पेंसरी में डाक्टर का पद स्थायी रूप से भरा जाए।

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