स्कूलों को नहीं चाहिए इंस्पायर अवार्ड
एससीईआरटी सोलन ने 30 जून तक मांगे थे आवेदन
सोलन — हिमाचल के सरकारी स्कूलों में केंद्र सरकार की इंस्पायर अवार्ड मानक योजना लोप साबित हो रही है। एससीईआरटी सोलन ने इस योजना के तहत 30 जून, 2017 तक आवेदन व लेख मांगे थे। हैरानी की बात है कि प्रदेश के 6345 स्कूलों में से केवल 1480 स्कूलों ने ही आवेदन किया है। इन स्कूलों के भी मात्र तीन हजार बच्चों ने ऑनलाइन आवेदन व लेख विभाग को भेजे हैं। आवेदनों की संख्या कम होने की वजह से केंद्र सरकार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने आवेदन की अंतिम तारीख 15 अगस्त तक बढ़ा दी है। जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने देश भर के बच्चों को साइंस के प्रति प्रोत्साहित किए जाने के लिए इंस्पायर अवार्ड योजना शुरू की है। इस योजना के तहत छह से दस कक्षा तक के बच्चों को शामिल किया गया है। प्रत्येक वर्ष यह योजना मार्च माह में शुरू की जाती है और जून तक इसके आवेदन व लेख मांगे जाते हैं। देश में यह योजना एनआईएफ अहमदाबाद के माध्यम से संचालित हो रही हैं, जबकि हिमाचल प्रदेश में इस योजना को नोडल एजेंसी एससीईआरटी को चुना गया है। एससीईआरटी सोलन द्वारा सभी लेख एनआईएफ अहमदाबाद को भेज दिए जाते हैं। अहमदाबाद से छात्रों द्वारा भेजे गए लेख को चयनित किया जाता है। चुने गए बेहतरीन लेख को पांच हजार रुपए का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है। इंस्पायर आवार्ड मानक योजना के प्रदेश नोडल आफिसर शिव कुमार ने बताया कि अब आवेदन की तिथि 15 तक की है।
जिलों के स्कूलों से इतने आवेदन
इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के लिए बिलासपुर से 157, चंबा 92, हमीरपुर 241, कांगड़ा 275, किन्नौर तीन, कुल्लू 18, लाहुल-स्पीति सात, मंडी 202, शिमला 79, सिरमौर 48, सोलन 132 व ऊना के 226 स्कूलों से आवेदन आए हैं।
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