13 लाख टन का आंकड़ा पार

By: Jul 26th, 2017 12:01 am

हिमाचल में दूध उत्पादन का नया रिकार्ड, मंडी अव्वल

पालमपुर – 2016-17 में 13 लाख 28 हजार टन दूध उत्पादन के साथ प्रदेश में एक नया रिकार्ड कायम हो गया है।  यह पहला अवसर है जब एक साल में दुग्धोत्पादन का ग्राफ  13 लाख टन के ग्राफ  के पार जा पहुंचा है। 2016-17 में बीते साल के मुकाबले करीब 46 लाख टन अधिक दूध की प्रोडक्शन हुई है।  दूध उत्पादन के आंकड़े बताते हैं कि 2011-12 के बाद से हर साल उत्पादन के ग्राफ  में इजाफा दर्ज किया जा रहा है।   इसमें जिला मंडी और कांगड़ा का योगदान सबसे अधिक है। जिला मंडी और कांगड़ा के पशुपालक पिछले दस साल से लगातार दो सौ लाख टन से अधिक दूध की पैदावार कर रहे हैं। 2016-17 में मिल्क प्रोडक्शन में जिला मंडी सबसे आगे रहा है और जिला में 248 हजार टन दूध उत्पादन हुआ है। 234 हजार टन दुग्धोत्पादन के साथ जिला मंडी 2015-16 में इस सूची में दूसरे नंबर पर था और इस साल जिला मंडी ने जिला कांगड़ा को एक पायदान नीचे खिसका दिया है। 230 हजार टन दुग्धोत्पादन के साथ जिला कांगड़ा का नाम इस सूची में दूसरे स्थान पर है। हालांकि 2015-16 के 235 हजार टन उत्पादन के मुकाबले जिला कांगड़ा में इस साल दूध की पैदावार में थोड़ी कमी दर्ज की गई है। 165 हजार टन से अधिक दूध की पैदावार के साथ जिला शिमला तीसरे और 11 हजार टन से अधिक मिल्क के साथ  सोलन चौथे स्थान पर रहा है। 2016-17 में जिला बिलासपुर में 79 हजार टन, जिला हमीरपुर में 89, जिला चंबा में 93, जिला किन्नौर में 12, जिला कुल्लू में 92, जिला लाहुल-स्पीति में आठ, जिला सिरमौर में 99 और जिला ऊना में 98 हजार टन दूध का उत्पादन किया गया है।

रोजाना 15-17 लाख लीटर की जरूरत

हिमाचल प्रदेश में रोजाना 15 से 17 लाख लीटर दूध की आवश्यक्ता रहती है।  प्रदेश अपनी दूध की जरूरत को काफी हद तक पूरा करने में सक्षम है। एक अनुमान के अनुसार पड़ोसी राज्यों से भी रोजाना करीब एक से डेढ़ लाख लीटर दूध प्रदेश में पहुंच रहा है।

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