कांग्रेस को महंगी पड़ेगी कर्मचारियों की अनदेखी
मंडी— कांग्रेस सरकार का कार्यकाल कर्मचारियों के लिए बेहद निराशाजनक रहा है। कांग्रेस सरकार को सत्ता में आए पांच वर्ष होने वाले हैं, लेकिन इतने लंबे कार्यकाल में कर्मचारियों की एक भी मुख्य मांग सरकार ने नहीं मानी। पांच वर्ष के इस कार्यकाल में संयुक्त सलाहकार समिति की 10 बैठकों की जगह केवल दो बैठकें हुईं और वे भी बेनतीजा रही। ये शब्द प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री एनआर ठाकुर ने कहे। सरकार यह भूल गई कि प्रदेश में कर्मचारी ही सरकारों को बनाने व गिराने में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। कर्मचारियों और मजदूरों को नजरअंदाज करना कांग्रेस सरकार को काफी महंगा पड़ेगा। उन्होंने कहा कि 16 प्रतिशत महंगाई भता अभी देय है, लेकिन सरकार इसको देने में भी आनाकानी कर रही है। विभिन्न सोसायटियों और आउटसोर्स में कार्यरत कर्मचारियों को भी पालिसी बनाने का लॉलीपॉप सरकार पिछले एक साल से लगातार दे रही है, लेकिन अभी तक इस पॉलिसी को धरातल पर उतारने के लिए खाका भी तैयार नहीं किया गया है। पीटीए व पैरा टीचर के साथ उनके नियमितीकरण को लेकर किया गया भद्दा मजाक सबके सामने है।
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