रिपोर्ट आने के बाद होंगी और गिरफ्तारियां

By: Aug 30th, 2017 12:04 am

डीएनए रिपोर्ट आने के बाद होंगी और गिरफ्तारियां

सीबीआई ने 12 संदिग्धों के नमूने जांच के लिए भेजे थे दिल्ली, हिमाचल पुलिस पर सवाल

NEWSNEWSशिमला— हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित और रूह कंपा देने वाले कोटखाई गैंगरेप व मर्डर मिस्ट्री मामले में बुधवार तक देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई को दिल्ली स्थित अपनी लैब से डीएनए जांच रिपोर्ट हासिल हो सकती है। पुख्ता सूत्रों के मुताबिक 12 संदिग्ध लोगों के डीएनए नमूने दिल्ली जांच के लिए भेजे गए थे। इनमें कोटखाई की उस अभागी छात्रा की स्वैब व वेट टेस्ट की रिपोर्ट भी शामिल होगी, जो दरिंदगी का शिकार हुई। बताया जाता है कि इस रिपोर्ट की बिनाह पर सीबीआई कुछ और गिरफ्तारियां भी कर सकती है।

कोटखाई थाने के संतरी ने खोले बड़े राज

सीबीआई के समक्ष दिनेश कुमार ने नेपाली सूरज की लॉकअप में हत्या के बड़े राज खोले हैं। दिनेश कुमार पुलिस का संतरी है, जो कोटखाई थाने में तैनात था। आरोपों के मुताबिक दिनेश को ही नेपाली मजदूर सूरज को लॉकअप से बाहर निकालने के लिए कहा था। उसके बाद आरोप यह भी है कि सूरज को कोटखाई थाने से बाहर ले जाया गया, जहां उसकी हत्या की गई और बाद में कवरअप स्टोरी भी बना दी गई। दिनेश पर इस मामले में दबाव बनाने के भी आरोप लगते रहे हैं। बताया जाता है कि सीबीआई ने घंटों दिनेश से पूछताछ की थी, जिसके बाद एसआईटी की ये बड़ी गिरफ्तारियां संभव हो सकी हैं। बताया जाता है कि दिनेश ने इस मामले से जुड़े कई और राज भी सीबीआई से साझा किए हैं, जो इस केस को सुलझाने में मददगार साबित हो सकते हैं। दिनेश इन दिनों सीबीआई की सुरक्षा में बताया जा रहा है, क्योंकि उसके परिजनों ने उसकी जान को खतरा बताया था।

संदेह में थी प्रदेश पुलिस की भूमिका

शिमला — छात्रा न्याय मंच ने कोटखाई मामले में पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की गिरफ्तारी का स्वागत किया है व इसे जनता की जीत करार दिया है। मंच के सह संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि इस मसले पर पुलिस की भूमिका पहले दिन से ही संदेहास्पद थी व उनकी मिलीभगत सामने आ रही थी। न्याय मंच को यह बात स्पष्ट थी कि पुलिस दोषियों को बचाने में लगी थी व झूठी वाहवाही लूटने के लिए नई-नई कहानियां गढ़ रही थी।  मंच ने इस लड़ाई को शुरू से लड़ा है व यह लड़ाई अब भी जारी है।

आखिर कौन से राज जानता था सूरज

नेपाली मजदूर सूरज के पास कोटखाई गैंगरेप व मर्डर मिस्ट्री मामले में आखिर ऐसे कौन से राज थे, जिनका खुलासा होने पर कई सफेद पोशों की नींद उड़ सकती थी। शायद यही वह खौफ था, जिसके चलते सूरज को मौत के घाट उतार दिया गया। इसमें एसआईटी कितनी गुनहगार है, कोटखाई में उस दौरान तैनात रहे पुलिस कर्मी कितने गुनहगार होंगे, यह सीबीआई की रिपोर्ट के बाद अदालत तय करेगी।

लॉकअप के बाहर मारा गया था नेपाली

जानकारी मिली है कि सीबीआई को नेपाली सूरज के हत्यारों की भी जानकारी मिल चुकी है। ताजा गिरफ्तारियों से अब यह भी तय माना जा रहा है कि सूरज की हत्या लॉकअप में नहीं हुई। इसे कोटखाई थाने के बाहर मारा गया। आखिर पुलिस ने इतने बड़े मामले को इतने दिनों तक उलझाए क्यों रखा, ये वे सवाल हैं, जो हिमाचल पुलिस की छवि पर दाग लगा सकते हैं।

अब तक यही कहती रही पुलिस

पुलिस का सूरज हत्या मामले में दावा था कि उसे पिकअप के उस ड्राइवर ने लॉकअप में रात को मौत के घाट उतारा, जिससे उसकी कहासुनी हुई थी। यहां तक कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट तक में सूरज की मौत प्राइवेट पार्ट में चोट लगने व सिर में चोटें आने से होने का दावा किया गया। इस मामले में कोटखाई पुलिस थाने के तमाम स्टाफ को लाइन हाजिर भी किया गया था।

गुस्साई भीड़ ने थाने में लगा दी थी आग

सूरज की हत्या के बाद कोटखाई थाने में क्रुद्ध भीड़ ने आग लगा दी थी। यह अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन था, जिसमें हजारों लोग व सामाजिक संगठन शामिल हुए थे।

सीबीआई ने मोबाइल भी जब्त किए

इस बड़ी जांच में सीबीआई ने एसआईटी से जुड़े अधिकारियों के मोबाइल फोन भी कब्जे में लिए थे। उनकी तकनीकी जांच तो की ही गई, पूरी कॉल डिटेल तक खंगाली गई है।

प्रकरण में कब, क्या हुआ

04 जुलाई  को कोटखाई के महासू से शाम को स्कूल की छात्रा गायब

05 जुलाई  को परिजनों ने छात्रा की जंगल में तलाश की

06 जुलाई  को छात्रा का शव जंगल में मिला, पुलिस ने की जांच शुरु

07 जुलाई  को पोस्टमार्टम में दुष्कर्म की पुष्टि

08 जुलाई  को धरना-प्रदर्शन हुए

09 जुलाई  को कई लोगों से पूछताछ की गई

10 जुलाई राज्य सरकार ने एसआईटी गठित की, आईजी साउथ रेंज जहूर जैदी को सौंपा गया जिम्मा

11 जुलाई  चार युवकों को पूछताछ के लिए पकड़ा

12 जुलाई  हाई कोर्ट ने घटना पर लिया  स्वतः संज्ञान, एक आरोपी आशीष चौहान गिरफ्तार

13 जुलाई  को पुलिस ने हत्याकांड को सुलझाने का किया दावा, डीजीपी ने कान्फ्रेंस कर छह आरोपियों को गिरफ्तार करने की दी जानकारी

14 जुलाई को ठियोग में भारी प्रदर्शन, पुलिस वाहनों की तोड़फोड़, सरकार ने दिए सीबीआई जांच के आदेश

15 जुलाई को आरोपियों को डीएनए टेस्ट के लिए शिमला लाया गया

16 जुलाई को पूरे प्रदेश में धरने- प्रदर्शन

18 जुलाई को कोटखाई में बड़ा प्रदर्शन, रात को पुलिस हिरासत में एक आरोपी की हत्या

19 जुलाई कोटखाई में प्रदर्शन, थाने को आग लगाई, पुलिस पर पथराव।सरकार द्वारा सीबीआई को जांच सौंपने का ऐलान

21 जुलाई को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों पर सीबीआई को नोटिस जारी हुआ

22 जुलाई को सीबीआई ने दर्ज की एफआईआर

25 जुलाई नेपाली सूरज का आईजीएमसी में पोस्टमार्टम

26 जुलाई को सीबीआई टीम कोटखाई दांदी जंगल पहुंची

29 जुलाई फोरेंसिक जांच की प्रगति रिपोर्ट लेने जुन्गा गई सीबीआई

04 अगस्त को कोटखाई की छात्रा हत्या व बलात्कार मामले में आरोपियों के डीएनए टेस्ट सीबीआई ने दिल्ली भेजे

29 अगस्त को सीबीआई ने हिमाचल पुलिस की एसआईटी आईजी जहूर एच जैदी सहित गिरफ्तार

84  लोगों से पूछताछ

डीजीपी सोमेश गोयल का दावा था कि पुलिस ने हत्याकांड के सिलसिले में बीते 55 घंटों में 84 लोगों से पूछताछ की। इस दौरान 28 कॉल डिटेल और दो मोबाइल टावरों का डंप डाटा खंगाला गया। इसके आधार पर पहले आशीष को पकड़ा गया और बाद में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। डीजीपी ने हत्याकांड में पुख्ता सबूत मिलने का भी दावा किया था। उनका यह दावा भी था कि पुलिस के पास फिजिकल व फोरेंसिक एविडेंस हैं जो कि यह साबित करते हैं। इन लोगों ने इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया है। डीजीपी ने कहा था कि पुलिस के लिए यह मामला बेहद पेचीदा था। इसकी जांच के लिए पुलिस ने पूरी मेहनत से काम किया। उन्होंने कहा था कि छह जुलाई को इस वारदात का पता चलते के बाद उन्होंने  एसपी शिमला को मौका पर भेजा था और दो दिन तक एसपी खुद मौके पर रहे। उन्होंने कहा था कि केस की जांच फोक्सड तरीके से हो इसके लिए विशेष जांच दल का गठन किया गया था, जिसकी अगवाई आईजी साउथ जहूर जैदी को सौंपी गई।

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