डीजीपी ने किया था केस सुलझाने का दावा

By: Aug 30th, 2017 12:02 am

बाकायदा शिमला में की थी प्रेस कान्फ्रेंस, थपथपाई थी जांच दल की पीठ

शिमला— जिस दर्दनाक घटनाक्रम ने पूरे प्रदेश को खून के आंसू रुलाए उस गैंगरेप व मर्डर मिस्ट्री को पुलिस ने एक हफ्ते की जद्दोजहद के बाद पुख्ता सबूतों की बिनाह पर सुलझाने का दावा किया था। इस केस में दो आरोपी नेपाल, दो गढ़वाल व दो स्थानीय बताए गए थे, जिन्हें गिरफ्तार किया गया था। डीजीपी सोमेश गोयल ने कहा था पुलिस ने इस मामले में जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनकी इस हत्याकांड में पूरी भूमिका रही है। हत्याकांड का असली सूत्रधार पिकअप चालक राजेंद्र सिंह ऊर्फ राजू (32) हलाइला निवासी रहा है। इसने ही अपनी गाड़ी में छात्रा को लिफ्ट दी थी। उन्होंने बताया कि इस वाहन में चालक राजू सहित पांच लोग सवार थे। इसी वाहन में सुभाष सिंह बिष्ट  (42) गढ़वाल, सूरत सिंह (29)नेपाल, लोकजन  ऊर्फ छोटू (19) नेपाली, दीपक ऊर्फ दीपू (38) गढ़वाली थे। इन सभी ने इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया है। उन्होंने कहा था कि पुलिस ने जिस आशीष ऊर्फ आशु (29) शहराल महासू निवासी को गिरफ्तार किया है, उसका भी इस घटना से संबंध रहा है। तकनीकी सबूत के आधार पर आशीष को पकड़ा गया है। यह वही आशीष है, जिसे सीबीआई की रिपोर्ट आने तक हिमाचल उच्च न्यायालय से जमानत नहीं मिल सकी है।

डीजीपी तो कहते रहे चार घंटे ही सोई टीम

डीजीपी का दावा था कि जांच के दौरान हालात यह रहे कि एसआईटी तीन दिन में मात्र चार से पांच घटे ही सो सकी है। मामले को सुलझाने के लिए पुलिस ने लगातार तफतीश कर इस गैंगरेप व हत्याकांड को सुलझाया।

केस सुलझाने के लिए बधाइयां दी थी जैदी को

डीजीपी ने इसके लिए आईजी जैदी की अगवाई में बनाए गए जांच दल के सदस्यों के कामकाज की सराहना की थी।

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