फैशन में प्रोफेशनल हुईं संजना

By: Aug 6th, 2017 12:15 am

newsnewsशुक्रगुजार हूं ‘दिव्य हिमाचल’ की, जिसने कामयाबी की पहली सीढ़ी चढ़ाई और आगे का तो पता नहीं पर मुझे मंजिल इसी ने ही दिखाई। जी हां, यह कहना है कुल्लू के भुंतर की रहने वाली संजना शर्मा का। अब आने वाले समय में अपने हाथों से तैयार नई डिजाइनर के कपड़े तैयार कर कुल्लू की युवतियों को पहनाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी हैं। जिला कुल्लू की रहने वाली युवती को या अन्य जिले की कोई भी एक दूरभाष पर अगर संजना के हाथों से तैयार डिजानर कपड़ों को यहां पंसद करता है, तो उसे कोई भी आसानी से खरीद सकता है। आज स्वयं को समाज के आगे लाकर अपने पैरों पर खड़े होने का श्रेय संजना ‘दिव्य हिमाचल’ समाचार पत्र को देती है। आईएनआईएफडी से तीन साल फैशन डिजाइनर का कोर्स करने के बाद संजना अब हर तरह के नए फैशन के कोई भी कपड़े आसानी से यहां तैयार कर लेती हैं। संजना की मानें तो  प्रदेश के अग्रणी समाचार पत्र ‘दिव्य हिमाचल’ में ‘मिस हिमाचल’ में फाइनल में पहुंची युवतियों के परिधान को तैयार करने का मौका मिलने के बाद उनकी किस्मत इस तरह से खुलती चली गई है कि उन्हें मिस हिमाचल के इवेंट करने के  बाद दिल्ली में  इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ग्रुप में भी फैशन शो के लिए डिजाइनर कपड़ों को तैयार करने के लिए बुलाया गया। संजना शर्मा कहती हैं कि उन्हें खुशी है कि आज वह जिस मुकाम तक पहुंच पाई हैं, उसके पीछे ‘दिव्य हिमाचल’ ग्रुप का काफी अधिक सहयोग है, जिसे वह कभी भूला नहीं पाएंगी। संजना की मानें तो जल्द ही वह कुल्लू में भी फैशन शो का हिस्सा बनेंगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कुल्लू की युवतियों को भी रोजगार मुहैया करवाया जाएगा। जो भी युवती फैशन डिजाइनर का कोर्स करना चाहती है, उन्हें भी इस मुकाम तक लाने के लिए वह सहयोग करेंगी और उन्हें कोर्स भी करवाएंगी।  संजना की माने तो आज फैशन जगत के साथ हर युवा वर्ग जुड़ना चाहता है। इसलिए आज फैशन की दुनिया में युवाओं का रुझान बढ़ रहा है। फैशन डिजाइनर का कोर्स न केवल युवतियां  कर रही हैं बल्कि युवकों की भी इस ओर रुचि बढ़ी है।  संजना कहती हैं कि ‘दिव्य हिमाचल’ जिस तरह से हिमाचल के युवाओं को आगे बढ़ने में प्रेरणा दे रहा है, उसी तरह वह भी कुल्लू के युवाओं को इस ओर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगी।

मुलाकात

हिमाचली संस्कृति  को परिधानों में जरूर पेश करना चाहूंगी…

हिमाचल में फैशन की प्रासंगिकता क्या है?

हिमाचल में भी आज तेजी से फैशन की ओर झुकाव देखने को मिलता है। नए से लेकर पुराने सभी तरह के परिधान महिलाएं व युवतियां पहनना पंसद करती हैं। बदलते जमाने के साथ सभी फैशन भी बदल रहे हैं।

अगर आपको हिमाचली फैशन की शुरुआत का जिक्र करना हो तो कहां से करेंगी?

प्राचीन संस्कृति से, क्योंकि आज भी हिमाचलवासी अपनी संस्कृति व वेशभूषा से उतना की प्रेम करते हैं, जो आज से सदियों पहले था। फैशन जगत में भले ही कई तरह के फैशन आ जाएं, लेकिन अपने हर डिजाइन में हिमाचली संस्कृति जरूर पेश करना हर समय चाहूंगी।

आपके अनुसार हिमाचली नारी में शृंगार रस की परिभाषा क्या है?

(हंसते हुए) शृंगार तो औरत का सबसे बड़ा गहना है। हर औरत चाहती है कि वह सबसे सुंदर दिखे। सुंदर दिखने के लिए वैसे नए डिजाइन के परिधान की आवश्कता नहीं होती है। सुंदरता तो इनसान के मन में होनी चाहिए, लेकिन अगर आपने अपने को कैरी करना है, तो उसमें डिजाइनर की भूमिका फिर अहम हो जाती है।

हिमाचल की पारंपरिक वेशभूषा का अवलोकन करें तो आपको कहां क्या विशिष्टता दिखाई देती है?

मुझे अपने कुल्लू जिला से  सबसे अधिक लगाव है। यहां की संस्कृति व यहां की वेशभूषा देशभर में प्रसिद्ध है। अपनी वेशभूषा को ही हमेशा महत्त्व देना चाहूंगी।

चंबा से सिरमौर और कांगड़ा, कुल्लू से किन्नौर तक के परंपरागत पहरावों में  आपकी रुचि व खोज क्या है?

वैसे तो सभी में रहती है, लेकिन सबसे अधिक कुल्लू की सभी पुरानी संस्कृति को अपने परिधानों में उभारना चाहती हूं। उसके लिए कोशिश जारी है।

आदर्श हिमाचली ड्रेस क्या हो सकती है?

(हंसते हुए) वैसे तो कुल्लू का पट्टू ही होना चाहिए क्योंकि पर्यटन नगरी अपने आप में विश्वभर में प्रसिद्ध है। यहां हर बड़े राजनीतिज्ञ से लेकर बालीवुड के कलाकार भी आते हैं और विश्वभर में कुल्लू की शॉल काफी प्रचलित है।

फैशन को किस हद तक प्रोफेशन बना चुकी हैं और कब लगता है कि आप सफल हैं?

प्रदेश के अग्रणी समाचार पत्र ‘दिव्य हिमाचल’ के साथ जब काम करने का मौका मिला और उसके बाद दिल्ली से भी मीडिया जगत से ऑफर आए तो तभी से महसूस हुआ कि मैं सफल हुई हूं। क्योंकि कुल्लवी परिधान को नए डिजाइन में जिस तरह से बनाने का मौका मुझे मिला, वह मेरे लिए सबसे महत्त्वपूर्ण था। इसकी सराहना प्रदेशभर में हो रही है। प्रोफेशन के लिए अभी कुछ समय लगेगा, जिसके लिए कोशिश जारी है।

आज तक की सबसे सफल जिम्मेदारी?

‘दिव्य हिमाचल’ के साथ किए काम की और माता-पिता की उम्मीद पर भी खरा उतर कर।

फैशन की दुनिया  में हिमाचल कितना योगदान कर सकता है?

बहुत अधिक। हिमाचल के पास वह सब है, जो अन्य राज्यों के पास नहीं है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य लोगों को आकर्षित नहीं करता बल्कि यहां की संस्कृति व पहनावा भी सभी को पसंद आता है। फैशन की दुनिया में भी सरकार अहम रोल अदा कर सकती है। नए युवक व युवतियां आज फैशन जगत में अच्छा नाम कमा रहे हैं। अगर उन्हें हर मंच पर उभारा जाए तो हिमाचल में भी बालीवुड जैसे फैशन जगत की दुनिया में नाम कमा रहे डिजाइनर तैयार मिल सकेंगे। इससे बेरोजगार युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।

फैशन शो के अलावा संजना का असली सपना है क्या?

इसी दुनिया में अच्छा नाम कमाना और डिजाइनर बनना।

जब फैशन को अपनी कल्पना के कैनवास पर रेखांकित करती हैं तो उस वक्त किन प्रमुख बिंदुओं  पर तवज्जो देती हैं?

जो पहली नजर में किसी को भी भा जाए, इस बात का खास ध्यान रखा जाता है। कलर कांबिनेशन, रोजाना बदल रहा फैशन, डिजाइन सभी चीजों का खास ख्याल रखना पड़ता है।

किसी फिल्मी अदाकारा के लिए ड्रेस डिजाइन करना चाहें तो आपकी पसंद किस पर टिकती है?

ऐसा कोई खास नहीं है, लेकिन डिजाइनर मुझे बेहद पसंद है सभ्य साची मुखर्जी। सबसे पहले उसके लिए ही परिधान बनाना चाहूंगी।

  • शालिनी राय, कुल्लू

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