भगवान नहीं, बलात्कारी

By: Aug 28th, 2017 12:02 am

यदि राम रहीम भगवान, ईश्वर या करिश्माई बाबा होता, तो वह दुष्कर्म, बलात्कार, हत्या, अपहरण सरीखे अपराधों का व्यसनी नहीं होता। यदि वह भगवान जैसा कुछ दैवीय होता, तो अदालत के कठघरे के बाद जेल की सलाखों के पीछे न होता। वह खुद को निर्दोष साबित कर सकता था। यदि वह भगवान की तरह सिद्ध पुरुष होता, तो उसके अंधभक्त, चेले, समर्थक इतने हिंसक और हत्यारे न होते। यदि उसे भगवान की तरह कोई सिद्धि प्राप्त होती, तो उसे अपने आश्रम में एके-47 राइफल, पिस्तौलें, हजारों लाठियां, डंडे और पेट्रोल बमों की जरूरत न होती। यदि वह वाकई ईश्वर होता, तो सैकड़ों गाडि़यों के काफिले में सिरसा, फतेहाबाद, नरवाना, कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला आदि हरियाणा के जिलों से गुजरता हुआ अपना माफियाई शक्ति प्रदर्शन न करता। उसे खुद को ‘मैसेंजर ऑफ गॉड’ साबित करने के लिए नकली फिल्में न बनवानी  पड़तीं और फर्जी स्टंट न दिखाने पड़ते। वह 37 मासूम लोगों का हत्यारा, 250 से ज्यादा घायलों का हमलावर, करोड़ों की सार्वजनिक संपत्ति नष्ट करने, जलाने का अपराधी करार न दिया जाता। गुरमीत राम रहीम हिंदी फिल्मों के खलनायक की तरह नकारात्मक शख्स रहा है। अब सेना ने उसके 36 डेरे सील कर दिए हैं, भक्तों और संगत को डेरे खाली करने के आदेश दिए गए हैं और अरबों की संपत्तियों की सूची बनाई जा रही है, तो सामने आया है कि वह कौन सा ‘सच्चा सौदा’ कर रहा था। बेशक उसके अंधभक्तों में गरीब, कमजोर और दलित लोग रहे हैं। बेशक उसने असंख्य पुरुषों की नशे की लत खत्म कराई है, लिहाजा एक जनाधार तैयार किया है। नतीजतन हरियाणा का ताकतवर चौटाला परिवार और पंजाब का बादल परिवार (अकाली दल) उसके करीब आए। चुनावों में वोट हासिल करने की खातिर राम रहीम की अपीलें जारी कराई जाती रहीं। कांग्रेस ने भी बाबा के आह्वान पर चुनाव जीते और भाजपा भी शरणागत हुई, तो हरियाणा में अपने बूते पहली बार बहुमत की सरकार बनाई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हाथ जोड़े  राम रहीम की शरण में बैठे दिखे, तो हरियाणा के शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज बाबा के जन्मदिन पर सिरसा के मुख्य डेरे में जाकर न केवल दंडवत हुए, बल्कि सरकारी कोष से लाखों रुपए डेरे को दान देने की घोषणाएं भी कीं। वे आम करदाता की मेहनत की कमाई को यूं लुटाने वाले कौन होते हैं? क्या उन्हें इसीलिए मंत्री बनाया गया है? चुनाव जीतने के बाद 47 में से 19 विधायक बाबा को दंडवत प्रणाम करने और उसका आभार जताने डेरे में गए थे। बाबा की शरण में अनिल जैन, कैलाश विजयवर्गीय, मनोज तिवारी, जनरल वीके सिंह के अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने एक रैली के दौरान बाबा का स्तुतिगान किया था। वह दर्शन करने डेरे में गए या नहीं, इसका कोई फोटो प्रमाण नहीं है। कहने के मायने हैं कि हरियाणा में भाजपा पूरी तरह राम रहीम के सामने बिछी हुई है। मंत्री रामविलास शर्मा ने तो यहां तक कहा था-भक्तों और श्रद्धालुओं पर धारा-144 लागू नहीं हुआ करती। सरकार ऐसे वचन बोलेगी, तो पंचकूला में भीड़ को जमा होने से कौन रोक सकता था? भाजपा सरकार के मंत्री 15 अगस्त को बाबा के जन्मदिन पर तब गए, जब वह अभियुक्त था और 10 दिन के बाद सीबीआई कोर्ट का फैसला सार्वजनिक होना था। गौरतलब तो यह है कि ‘पूरा सच’ अखबार के संपादक रामचंद्र छत्रपति गोलियों से छलनी थे और आखिरी दिनों में दिल्ली के अपोलो अस्पताल में गुहार कर रहे थे कि सरकार उनका बयान दर्ज करे। तब हरियाणा में ओमप्रकाश चौटाला और भाजपा की सरकार थी, लेकिन लगातार 20 दिनों तक गुहार करने के बावजूद सरकार और पुलिस ने बयान दर्ज नहीं किया, क्योंकि उन्हें पता था कि छत्रपति राम रहीम का ही नाम लेंगे। वह इस केस में अकाट्य बयान साबित हो सकता था और शायद यह लड़ाई 15 सालों तक लड़नी नहीं पड़ती। अंततः छत्रपति ने 21 नवंबर, 2002 को दम तोड़ दिए। इस तरह यह शख्स राजनीतिक दलों और उनके नेताओं की शह पर ‘भगवान’ बना था। साध्वी के लिखे पत्र में भी राम रहीम के दावे दर्ज हैं-‘ये मुख्यमंत्री हमारे ही आदमी हैं। वे हमारे चरण छूते हैं और हमारा समर्थन मांगते हैं। पार्टियां और सरकारें हमारे इशारों पर ही काम करती हैं। वे हमारे खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं कर सकतीं।’ बलात्कार की शिकार साध्वी के पत्र से कई खुलासे होते हैं कि राम रहीम किसी की भी हत्या कर सकता था। बाबा ने लगातार तीन साल तक साध्वी के साथ बलात्कार किया। साध्वी का कहना था कि जब वह उसकी गुफा में गई, तो बाबा टीवी पर ब्लू फिल्म देख रहा था। बाबा ने कहा कि तुम्हारा तन और मन सद्गुरु का है और हम ही उसके प्रतिरूप हैं, हम ही खुदा हैं। बाबा ने ऐसी भी धमकी दी थी कि उसके परिवार वालों की हत्या कराई जा सकती है। जो नौकरी में हैं, उनकी नौकरी छुड़ाई जा सकती है। साध्वी ने पत्र में यह जानकारी भी दी थी कि डेरे में सैकड़ों साध्वियां हैं। उन्होंने हालात से समझौता कर लिया है। उनकी उम्र 35-40 साल हो गई है, लिहाजा विवाह का वक्त भी निकल गया। यह सोचकर वे बाबा का उत्पीड़न झेलती रहती हैं। डेरे के भीतर वेश्यालयों वाले हालात हैं। बेशक इन 15 सालों में सीबीआई ने पत्र के आधार पर व्यापक जांच की होगी, नतीजतन कोर्ट इस निष्कर्ष पर पहुंची कि राम रहीम बलात्कारी है। बाबा के वकीलों ने भी जिरह की होगी और आगे भी चुनौती दे सकते हैं, लेकिन जो बाबा खुद को गुरु गोविंद सिंह का अवतार मानता था, वह आज बलात्कारी है। आरोप तो ये भी हैं कि राम रहीम ने डेरे के भीतर 400 साधुओं को ‘नपुंसक’ बनवा दिया था, ताकि उसकी अपनी सेना तैयार की जा सके। बाबा जिस रास्ते से अपनी गुफा में जाता था, उसकी पहरेदार भी औरतें ही थीं। हरियाणा में ही राम रहीम के करीब 25 लाख अनुयायी हैं। इसके अलावा, पंजाब के मालवा इलाके में बाबा का बहुत प्रभाव है। राजस्थान में श्रीगंगानगर में बाबा का बहुत प्रभुत्व है। अब अदालत के फैसले के बाद और डेरों के खाली होने या उन्हें कब्जा कर वहां सीआरपीएफ के कैंप बनाने के बाद राम रहीम का क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।

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