मां का कलेजा चीर रहीं बेटे की सिसकियां

By: Aug 18th, 2017 12:01 am

दिल का दर्द जाने कौन…

गरली –  ट्रेन हादसे में अपाहिज हो चुके 14 साल के आयूष ठाकुर की जिंदगी पर बन आई है। माता-पिता ने जीवनभर की जमा पूंजी और जेवरात बेचकर जैसे-तैसे जान बचा ली, लेकिन नसें कटने से डेड हो चुकी उसकी बाजू को फिर से हरकत में लाने के लिए लाखों रुपए का जो खर्च डाक्टरों ने बताया है, वह वहन कर पाना अब उनके बस में नहीं है। ऊपर से डाक्टरों ने एक महीने की डेडलाइन आपरेशन के लिए दे दी है। अगर अब आपरेशन नहीं हुआ तो मासूम जिंदगी भर के लिए अपाहिज हो जाएगा। ऐसी दुख की घड़ी में हमेशा से मददगार साबित होते रहे ‘दिव्य हिमाचल रिलीफ फंड’ पर अब सबकी निगाहें टिकी हैं। जिला ऊना के गांव सूरी में मेहनत मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण कर रहे सुरेंद्र कुमार का इकलौता बेटा आयूष ठाकुर दो साल पहले एक ट्रेन हादसे में बुरी तरह जख्मी हो गया था। हादसे में उसकी जान तो बच गई, लेकिन बायीं बाजू व टांग बुरी तरह फ्रैक्चर हो गई। अब आयूष का उपचार चंडीगढ़ पीजीआई में चल रहा है। उपचार कर रहे ऑर्थो के डा. रजित व सर्जरी के डा. सुनील गाबा का कहना है कि आयूष की बायीं बाजू की तीन नसें ऊपर से कट चुकी हैं, जिस कारण इसका हाथ व अंगुलियां काम नहीं कर पातीं। चंडीगढ़ पीजीआई अस्पताल में आयूष का उपचार कर रहे प्लास्टिक सर्जरी के एमएस डा. सुनील गाबा ने बताया कि इसकी बायीं बाजू की आंत का आपरेशन ही करना पड़ेगा, तभी यह ठीक हो पाएगा इससे पुनः इसकी बाजू हरकत करने लगेगी। इस उपचार पर डाक्टरों ने करीब पांच लाख रुपए का खर्च बताया है। आयूष की मां सोनिया का कहना है कि हादसे के बाद आज तक आयूष के चंडीगढ़ पीजीआई में तीन बड़े आपरेशन करवाए जा चुके हैं, लेकिन अब इसकी टांग तो लगभग 80 प्रतिशत ठीक हो चुकी है, लेकिन बाजू की जो तीन नसें कट चुकी हैं, उनके अलग-अलग तीन आपरेशन अभी डाक्टरों ने और बताए हैं। आज तक मैं बेटे के उपचार पर छह लाख लगा चुकी हूं, लेकिन अब इतनी बड़ी रकम का कोई भी बंदोबस्त न होने के कारण लाचार बेटे का दर्द नहीं सहा जा रहा। पीजीआई के डाकटरों ने 18 अगस्त को आपरेशन के लिए बुलाया है, लेकिन पैसों का कोई भी बंदोबस्त नहीं हुआ है। अब पीडि़त सोनिया को उम्मीद है तो सिर्फ ‘दिव्य हिमाचल’ परिवार से जुड़े दानवीरों से।

आपने रोशन किए कई चिराग

दानवीरों की मदद से ‘दिव्य हिमाचल रिलीफ फंड’ ने कई बुझते चिरागों को रोशन किया है। भू-स्खलन के प्रभावितों को जहां बसाया जा सका, वहीं गरीबों का इलाज, मेधावी खिलाडि़यों व करगिल शहीदों के परिजनों को मदद दी गई। अब आयूष के परिजनों को उम्मीद है कि दानवीर ही आयूष को नई जिंदगी देंगे।

यहां संपर्क करें

सभी दानियों के नाम ‘दिव्य हिमाचल’ में प्रकाशित किए जाएंगे। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें-78078-44144, 70181-97293, 94184-07889

दानी इस पते पर भेजें मदद

पीडि़त के लिए कैश, मनीआर्डर, चेक या डिमांड ड्राफ्ट ‘दिव्य हिमाचल रिलीफ फंड’ के नाम बनाकर इस पते पर भेजें-

दिव्य हिमाचल रिलीफ फंड, दिव्य हिमाचल मीडिया ग्रुप, पुराना मटौर, कांगड़ा, हि.प्र. 176001

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