रात तक चला रेस्क्यू आपरेशन

By: Aug 6th, 2017 12:15 am

ठियोग में शवों को ढूंढने के लिए इस्तेमाल किया गया आधुनिक सेंसर

newsठियोग – ठियोग में एचआरटीसी की अनसेफ  बिल्डिंग के मलबे से रात करीब एक डेढ़ बजे तक जिंदगी की तलाश जारी रही। हालांकि इस दौरान बचाव दल को न तो कोई घायल मिला और न ही कोई शव। एनडीआरएफ की टीम भी सुबह करीब सात आठ बजे घटनास्थल से रवाना हुई है। एनडीआरएफ  की टीम ने अपने आधुनिक उपकरणों के साथ ठियोग बस स्टैंड में सर्च आपरेशन को जारी रखा और सेंसर से घायलों की खोजबीन की, लेकिन मलबा हटाने के बाद व आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल करने के बाद कोई शव और घायल मलबे में दबा हुआ नहीं मिला है। एसडीएम ठियोग टशी संडूप ने बताया कि मलबे में से कुल चार लोगों के शव बरामद किए गए थे और छह घायल निकाले गए। उन्होंने कहा कि शुक्रवार देर रात तक जांच पूरी करने के बाद रेस्कयू आपरेशन को रोक दिया गया था। उन्होंने बताया कि शनिवार सुबह यहां पर जेसीबी व डोजर से मिट्टी हटाने का कार्य चलता रहा, जो कि दिन भर पूरा किया गया।  उधर, इस घटना में शुक्रवार देर शाम जिन दो लोगों के शवों को बरामद किया गया था,उनकी अभी भी पहचान नहीं हो पाई है,जबकि इसके अलावा एक शव पहले से ही अस्पताल में पड़ा हुआ था। इन तीनों की पहचान न होने से इन्हें अब आईजीएमसी शिमला के शव गृह में रखा गया है। इसके अलावा ठियोग में एचआरटीसी के अनसेफ  भवन के गिरने को लेकर एसडीएम ठियोग दो सप्ताह के भीतर सरकार को जांच की रिपोर्ट पेश करेंगे। ठियोग बस स्टैंड में एचआरटीसी के अनसेफ  भवन के गिरने से चार लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद इसकी न्यायिक जांच के आदेश सरकार ने दिए हैं।  इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन के ऊपर सबसे बड़ा आरोप यह लग रहा है कि जब करीब अढ़ाई साल पहले इस बिल्डिंग को असुरक्षित घोषित कर दिया गया था तो इसे खाली क्यों नहीं करवाया गया। ये जिम्मेदारी प्रशासन व परिवहन निगम की बनती थी। यानी समय रहते यदि इस भवन को खाली करवा लिया जाता तो शायद चार लोगों को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती।

ठियोग में और भी हैं ऐसे जर्जर भवन …

इस घटना को लेकर ठियोग के पूर्व विधायक राकेश वर्मा ने प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ठियोग में इसके अलावा और भी कई ऐसे भवन हैं जो  गिरने की स्थिति में है। इनमें ट्रेजरी आफिस की बिल्डिंग, आंगनबाड़ी केंद्र के कार्यालय के अलावा कई ऐसे भवन हैं,जो कि गिरने की स्थिति में है। सरकार को इन पर विचार करना चाहिए, इससे पहले कि इस तरह का और हादसा न हो जाए।

डेढ़ महीना पहले ही किया था आगाह

जिस जगह पर एचआरटीसी का बुकिंग ऑफिस था, उसके ठीक नीचे एडिशनल एडवोकेट जनरल महेंद्र झराईक का मकान है। उनका कहना है कि डेढ़ महीने पहले उन्होंने इस बारे में निगम के अधिकारियों को भी अवगत करवाया था। साथ ही इस बारे में आईपीएच मंत्री विद्या स्टोक्स के माध्यम से निगम के उच्चाधिकारियों को अवगत करवाकर इसे शिफ्ट करने को लेकर  लिखित रूप में दिया था,लेकिन निगम के अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया।

प्रदेश में सरकार नाम की चीज नहीं

माकपा के प्रदेश सचिवालय सदस्य पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने इस घटना को लेकर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रदेश की सरकार ही अपसेट है। उन्होंने कहा कि दो साल पहले जब बिल्डिग को अनसेफ  घोषित कर दिया गया था तो इसमें दफ्तर क्यों चल रहा था। सिंघा ने कहा कि जो सरकार लोगों के जान-माल की रक्षा नहीं कर सकती, उसे सत्ता में रहने का हक नहीं है।। ऐसा लग रहा कि प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है।

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