वीआईपी नंबर को खर्चे एक लाख

By: Sep 10th, 2017 12:01 am

कर्ज तले दबे प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की उपलब्धि

सुंदरनगर— एक ओर प्रदेश सरकार कर्ज लेकर प्रदेश को चला रही है तो दूसरी ओर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड धन की बर्बादी में लगा हुआ है। हालांकि प्रदेश में वीवीआईपी कल्चर को खत्म किया जा रहा है, लेकिन कुछ बोर्ड इसे बढ़ावा देने में लगे हुए हैं। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 2016 में खरीदे गए नए लग्जरी एसयूवी वाहन के लिए एक लाख रुपए  महज वीवीआईपी नंबर लेने के लिए खर्च डाले हैं।  12 मई, 2016 को उक्त वाहन के लिए एसटीए शिमला से वीवीआईपी नंबर एचपी 62डी-0005 की रजिस्ट्रेशन करवाई गई है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक आलाधिकारियों व ओहदेदारों को खुश करने के लिए इतनी भारी भरकम राशि का दुरुपयोग किया गया है। गौर रहे कि प्रदेश में 20 नवंबर, 2015 से परिवहन विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर एक से 10 नंबर सरकारी वाहनों के लिए आरक्षित किए है। इसकी अधिसूचना से पूर्व इन नंबरों को मुफ्त में सरकारी वाहनों के लिए जारी किए जाने का प्रावधान किया गया था, लेकिन जनता द्वारा आपत्ति किए जाने पर विशेष रजिस्ट्रेशन को सरकारी वाहन के लिए एक लाख रुपए फीस निर्धारित की गई। यहा बता दें कि पड़ोसी राज्यों में वीआईपी नंबरों के लिए खुली बोली का आयोजन किया जाता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा राजस्व सरकारी खजाने के लिए एकत्रित किया जा सके और जनता का भी शौक पूरा हो। उधर, परिवहन विभाग के सयुंक्त निदेशक ने प्रदूषण बोर्ड द्वारा वीवीआईपी नंबर पर एक लाख रुपए खर्च करने की पुष्टि की है।

 


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