वोटर का भावनात्मक लगाव नेता के लिए मानसिक दबाव

By: Sep 20th, 2017 12:15 am

newsहमीरपुर— अपने वेतन-भत्ते सामाजिक कार्यों पर खर्च करने वाले मुख्य संसदीय सचिव इंद्रदत्त लखनपाल मौजूदा दौर की राजनीति को मुश्किल भरी सियासत मानते हैं। बड़सर से निर्वाचित इंद्रदत्त लखनपाल का कहना है कि विधानसभा चुनाव में अपने पसंदीदा प्रत्याशी को वोट देने वाला हर मतदाता पहले दिन से उम्मीदें पाल लेता है। मतदान केंद्र से लौटते समय ही वोटर के मन में यह बात घर कर जाती है कि मेरा विधायक सिर्फ मेरा है। वह हर सुख-दुख में मेरे साथ खड़ा होना चाहिए। व्यक्तिगत कार्यों से लेकर सामाजिक क्षेत्र तक हर जगह विधायक उसकी बात को तवज्जो दे। बकौल इंद्रदत्त लखनपाल आमजन की इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना किसी भी नेता के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। जिस विधायक ने अपने वोटर की इस आवाज को सुन लिया उसे कभी दिक्कत नहीं आती। हालांकि आमजन की हर उम्मीद पर खरा उतरना आसान नहीं है। विधायक चुनने में अहम भूमिका निभाने वाला हर व्यक्ति यही चाहता है कि उसके घर से किसी एक को सरकारी नौकरी मिले। सरकारी कर्मचारी का मनपसंद जगह तबादला हो जाए। घर की सड़क पक्की हो जाए। पेयजल समस्या का झंझट समाप्त हो। स्कूल के अपग्रेडेशन और स्वास्थ्य संस्थान के स्तरोन्नत में आम जन की आवाज सुनी जाए। इंद्रदत्त लखनपाल का कहना है कि वोटर नेताआें से इस भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं कि उन्हें लगता है कि अस्पताल में लाइन में खड़े होने की बजाय डाक्टर सीधे उन्हें देखने लगे। किसी भी सरकारी दफ्तर में हर अधिकारी पहले उनकी बात सुनें। इंद्रदत्त लखनपाल का कहना है कि वोटर का यह भावनात्मक लगाव हमारे लिए सबसे बड़ा मानसिक दबाव बन गया है। कार्यकर्ताआें का मान-सम्मान बनाए रखना और उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बहुत मुश्किल है। जीत में अहम भूमिका निभाने वाले यही चाहते हैं कि हर काम सिर्फ उन्हें पूछकर किया जाए। इसके विपरीत जो लोग वोट नहीं देते हैं, उन्हें भी अपने विधायक से दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मदद की आस होती है। लिहाजा इंद्रदत्त लखनपाल ने पार्टी विशेष पर आधारित विकास की बजाय सबका साथ, सबका विकास साथ करने को असली सियासत मानते हैं। इससे अपने समर्थक नाराज भी होते हैं। बावजूद इसके इंद्रदत्त लखनपाल का कहना है कि मैं दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कभी व्यक्ति की पार्टी नहीं उसकी तकलीफ को तवज्जो देता हूं।

बिझड़ी में 132केवी पावर सब-स्टेशन

बड़सर के कोटला बिझड़ी में 132केवी सब-स्टेशन की सौगात देकर इंद्रदत्त लखनपाल ने अपने विधानसभा क्षेत्र को रोशन कर दिया है। इस व्यवस्था के बाद बड़सर के अलावा आसपास लगते दूसरे विस क्षेत्रों में भी विद्युत समस्या छूमंतर हो जाएगी।

सिस्टम और हम लोग दोषी

सादगी भरे अंदाज में इंद्रदत्त लखनपाल का कहना है कि आम जनता को लगता है कि सरकारी क्षेत्र का हर काम नेता के कहने पर होता है। विधायक के एक हस्ताक्षर से नौकरी मिल सकती है, तबादला रुक सकता है और बड़ी से बड़ी सौगात मिल सकती है। बकौल इंद्रदत्त लखनपाल इसके लिए सिस्टम और हम लोग ही दोषी हैं।

भाषण नहीं, रिपोर्ट कार्ड चाहिए

इंद्रदत्त लखनपाल कहते हैं कि वोटर अब काफी जागरूक है। उसे भाषण की बजाय विकास कार्य का रिपोर्ट कार्ड चाहिए। डरा-धमकाकर बात करना अब उन्हें विधायक के मुंह से अच्छी नहीं लगती। जनता विजन के साथ नेताआें की सादगी को पसंद करती है। उनका कहना है कि बड़सर विस क्षेत्र में अब गुंडागर्दी समाप्त हो गई है और आम लोग सीधे विधायक से परिवार की तरह जुड़ रहे हैं। बदले की भावना से काम करने वाले नेता जनता को अखरते हैं। लिहाजा इन उम्मीदों पर खरा उतरना सही मायने में जनसेवा है।


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