साप्ताहिक घटनाक्रम

By: Sep 6th, 2017 12:10 am

NEWS* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित विस्तार 3 सितंबर रविवार को हो गया। इस सूची में एनडीए के सहयोगी जेडीयू और शिवसेना को शामिल नहीं किया गया है। कुल 13 मंत्रियों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। कैबिनेट में यूपी-बिहार के 2-2 और केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान से एक-एक नए मंत्री बनाए गए हैं। इसके अलावा 4 मंत्रियों को कैबिनेट रैंक में प्रोमोशन मिला है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली।

* 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले सबसे अहम कैबिनेट फेरबदल में प्रधानमंत्री ने चार रिटायर्ड नौकरशाहों को जगह दी है। पूर्व गृह सचिव रहे आरके सिंह को बिजली और वैकल्पिक ऊर्जा मंत्रालय का स्वतंत्र कार्यभार सौंपा गया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रहे हरदीप सिंह पुरी को आवास और शहरी विकास मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार और डीडीए्न के वाइस चेयरमैन रह चुके केजे अल्फॉन्स को पर्यटन मंत्रालय का स्वतंत्र कार्यभार सौंपा गया है। जबकि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर रहे सत्यपाल सिंह को मानव संसाधन मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाया गया है।

* 31 अगस्त, 2017 को केंद्र सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राजेश कुमार चतुर्वेदी को राष्ट्रीय कौशल विकास एजेंसी का नया महानिदेशक नियुक्त किया। वर्तमान में वह केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष हैं। वह भारतीय प्रशासनिक सेवा (मध्य प्रदेश संवर्ग) के वर्ष 1987 बैच के अधिकारी हैं। ज्ञातव्य है कि एनएसडीए कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संस्था है, जो भारत सरकार एवं निजी क्षेत्र द्वारा कौशल विकास के क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों में समन्वय स्थापित करने का कार्य करती है। इसकी स्थापना 6 जून, 2013 को हुई थी।

*  केंद्र सरकार द्वारा ओबीसी क्रीमीलेयर की सीमा 6 लाख रुपए से बढ़ाकर 8 लाख रुपए प्रतिवर्ष कर दी गई है। वर्ष 1993 में पहली बार ओबीसी श्रेणी के लिए क्रीमीलेयर की सीमा 1 लाख रुपए निर्धारित की गई थी। ओबीसी क्रीमीलेयर सीमा में पांचवीं बार यह वृद्धि हुई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ओबीसी के उप-वर्गीकरण के मुद्दे पर विचार हेतु एक आयोग के गठन से संबंधित प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की गई। अध्यक्ष की नियुक्ति की तिथि से 12 सप्ताह के भीतर यह आयोग अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।

* मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में भावांतर भुगतान योजना लागू करने का निर्णय किया गया। योजना का उद्देश्य किसानों को कृषि उपज का न्यूनतम मूल्य मिलना सुनिश्चित करना तथा मंडी दरों में गिरावट से किसानों को सुरक्षा प्रदान करना है।


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