सियासी ट्रैक पर भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी-बरमाणा रेललाइन

By: Sep 15th, 2017 12:15 am

newsबिलासपुर –  सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी-बरमाणा रेललाइन निर्माण के लिए जिला प्रशासन की ओर से रेट अप्रूवल के लिए भेजे गए प्रस्ताव को अभी तक सरकार की स्वीकृति नहीं मिल सकी है। यदि समय रहते अप्रूवल नहीं मिली तो फिर लाइन बिछाने का कार्य लटक जाएगा। चुनावी माहौल में सामरिक महत्त्व की इस रेललाइन की तरफ किसी का ध्यान नहीं है। जानकारी के मुताबिक बिलासपुर जिला की सीमा पर 10 किलोमीटर एरिया में चिन्हित किए गए 10 गांवों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में जिला प्रशासन द्वारा जनसहमति पर प्रति बीघा के हिसाब से तय किए गए जमीन के रेट देने के लिए पूर्व में भेजे गए प्रस्ताव पर सरकार ने हाथ खड़े कर दिए थे। जिला प्रशासन को जनता के साथ सहमति बनाकर अब दोबारा रेट तैयार कर अप्रूवल के लिए भेजने का फरमान जारी किया गया था, जिस पर प्रशासन ने जनता के साथ रेट को लेकर सहमति बनाकर फिर से रेट अप्रूवल के लिए प्रस्ताव सरकार की स्वीकृति के लिए भेजा है। बता दें कि प्रदेश में बिलासपुर जिला की पंजाब राज्य से सटी सीमा के अंदर 10 किलोमीटर तक जंडौरी से लेकर धरोट तक भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा कर लिया गया है। स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम सदर बिलासपुर डा. हरीश गज्जू, तहसीलदार स्वारघाट जसपाल और रेलवे विकास निगम से एजीएम हेमंत कुमार के साथ ही कृषि एवं उद्यान विभागों के अधिकारियों ने जमीन के रेट फाइनल किए और जिला अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद जमीन के फाइनल रेट अप्रूवल के लिए सरकार को भेजे गए।

मुआवजे के लिए 88 करोड़ रुपए की डिमांड

सूत्रों की मानें तो प्रशासन ने 10 किलोमीटर एरिया में जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया के तहत जनता के साथ सहमति बनाकर तय किए गए रेट के आधार पर मुआवजा देने के लिए 88 करोड़ रुपए की डिमांड की है। मुआवजे के रूप में जमीन के रेट प्रति बीघा के हिसाब से 18 लाख रुपए तय किए गए हैं, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर सरकार के योजना विभाग ने ऑब्जेक्शन लगा दिया और कम से कम रेट तय कर अप्रूवल के लिए प्रस्ताव भेजने को कहा था। हालांकि प्रशासन ने अब रेट अप्रूवल के लिए भेज दिए हैं, लेकिन अभी स्वीकृति नहीं मिली है।

पहले 10 किलोमीटर ट्रैक

सूत्र बताते हैं कि सर्वे रिपोर्ट के तहत 10 किलोमीटर पंजाब राज्य तो 10 किलोमीटर हिमाचल के बिलासपुर जिला में रेललाइन बिछाने का कार्य शुरू किया जाएगा। बिलासपुर जिला की सीमा पर 10 किलोमीटर दायरे में रेल निर्माण के लिए प्रशासन ने जमीन अक्वायर कर ली है।

जकातखाना में बनेगा बड़ा छोटा जंक्शन

जानकारी के अनुसार इस रेललाइन का ट्रैक भी फाइनल हो गया है और यह लाइन बिलासपुर शहर में सतलुज झील किनारे से होकर गुजरेगी। इस बाबत रेललाइन निर्माण का जिम्मा संभाले रेल विकास निगम प्रबंधन ने योजना को हरी झंडी दिखा दी है। सुरंग से लेकर जंक्शन निर्माण की योजना का भी प्रारूप तैयार किया गया है। पहला रेलवे मुख्य जंक्शन जकातखाना और उसके बाद बिलासपुर में अलीखड्ड पुल के पास छोटा जंक्शन होगा, जबकि इसके बाद आगे बरमाणा को जोड़ते हुए एक मेजर जंक्शन बनाया जाएगा।

यहां हुआ जमीन का अधिग्रहण

जिला प्रशासन द्वारा जमीन का अधिग्रहण पंजाब की सीमा से सटे बिलासपुर के जंडौरी, दबट-मजारी, देहरड़ा, कांगूवाली, झीड़ा, कोटखास, नंद-बहल, टोबा-संगवाणा, नीलां, लखनू व धरोट में भू अधिग्रहण का कार्य किया गया है।


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