स्कूल बस पर ‘स्कूल बस’ जरूरी

By: Sep 12th, 2017 12:05 am

सोलन —  सर्वोच्च उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद निजी स्कूल कैब और बस पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है। जिला प्रशासन ने सभी एसडीएम व एसपी व संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। जिला दंडाधिकारी ने सभी विद्यालयों को निर्देश दिए हैं कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित बनाया जाए। आदेशों की अवहेलना करने पर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार सभी विद्यालयों की बस पर आगे तथा पीछे ‘स्कूल बस’ लिखा होना चाहिए। यदि बस को विद्यार्थियों को लाने-ले जाने के लिए किराए पर लिया गया है तो बस पर स्पष्ट रूप से ‘ऑन स्कूल ड्यूटी’ अंकित होना चाहिए। बस में ‘प्राथमिक उपचार बॉक्स’ उपलब्ध होना चाहिए। बस में खिड़कियों के समानांतर ग्रिल लगी होनी चाहिए। बस में अग्निशामक का होना अनिवार्य है। विद्यालय का नाम तथा दूरभाष बस पर अंकित होना चाहिए। बस के दरवाजों में विश्वसनीय ‘लॉक’ होना चाहिए। निर्देशों के अनुसार बस में बच्चों के बस्तों को रखने एवं सुरक्षा के लिए सीटों के नीचे जगह होनी चाहिए। विद्यालय की ओर से बस में परिचारक का होना अनिवार्य है। इन निर्देशों में कहा गया है कि स्कूल कैब में 40 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम सीमा के साथ स्पीड गवर्नर लगे होने चाहिए। स्कूल कैब का रंग हाईवे यलो कलर होना चाहिए। इसके मध्य में 150 एमएम चौड़ाई की हरे रंग की समानांतर पट्टी पर वाहन के चारों ओर ‘स्कूल कैब’ लिखा होना चाहिए। यदि विद्यार्थियों की आयु 12 वर्ष से कम है तो स्कूल कैब में स्वीकृत क्षमता से डेढ़ गुणा से अधिक विद्यार्थी नहीं बिठाए जा सकेंगे। 12 वर्ष से अधिक आयु के छात्र को एक व्यक्ति माना जाएगा।  उपायुक्त सोलन राकेश कंवर ने बताया कि जिला दंडाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक सोलन तथा बद्दी, उपमंडलाधिकारी सोलन, अर्की, नालागढ़ तथा कंडाघाट, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सोलन तथा नालागढ़, उपनिदेशक प्रारंभिक तथा उच्च शिक्षा सोलन एवं जिला के निजी विद्यालयों के सभी प्रधानाचार्यों को  आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।


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