कुवैत में फंसे 800 भारतीय
ज्वालामुखी के युवक ने परिजनों को स्काइप से मैसेज भेजकर बताए हालात
ज्वालामुखी— कुवैत की खुराफी नेशनल कंपनी में भारतीय मूल के 800 कर्मचारियों के फंसे होने का मामला सामने आया है। ज्वालामुखी के बली मोहम्मद ने अपने दामाद सुक्रदीन, जो कुवैत में इसी कंपनी में कार्यरत हैं, द्वारा भेजा गया स्काइप मैसेज का प्रिंट आउट पत्रकारों को देते हुए कहा कि उनका दामाद और देश के आठ सौ के लगभग नौजवान भारत सरकार से मदद की आस में हैं। वे अपने परिजनों को किसी न किसी माध्यम से सूचना भेज कर मदद की गुहार लगा रहे हैं, ताकि उनको वहां से निकाला जा सके। ज्वालामुखी के बली मोहम्मद ने कहा कि उनके दामाद ने बताया है कि कंपनी ने भारतीय मूल के आठ सौ के लगभग कर्मचारियों को निकाल दिया है। तीन माह का नोटिस पीरियड समाप्त हो चुका है। अब वे नोटिस मिलने के छह माह बाद भी यहां फंसे हैं, हमें कंपनी ने पैसों का भुगतान भी नहीं किया है। पिछले एक साल से उनको वेतन भी नहीं दिया गया है। एक साल पहले हमें वेतन दिया गया था। मैसेज में लिखा गया है कि हमने अपनी कंपनी के अधिकारियों से मिल कर उनकी समस्या का हल करने की अपील की परंतु व्यर्थ रही। आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं मिल रहा है। उनका रेजिडेंस वीजा भी समाप्त हो गया है,कंपनी उनको रिन्यू नहीं करवा रहीं है। उन्हें कोई ूमेडिकल ट्रीटमेंट नहीं मिल रहा है। क्योंकि रेजिडेंसी के बिना न तो वहां पर कोई सफर कर सकता है न ही उनका कोई इलाज होगा। उन्होंने भारत सरकार व अपने परिजनों से इस मुसीबत की घड़ी में उनकी मदद करने की गुहार लगाई है, ताकि वे अपने परिवारों सहित अपने देश भारत आ सकें। ज्वालामुखी निवासी बली मोहम्मद ने कहा कि उनका दामाद सुक्रदीन पुत्र लालदीन बाबा पंजा पंचायत डोहग देहरियां ज्वालामुखी का निवासी है, जो गाडि़यों का मेकेनिक है, वह वहां पर फंसा हुआ हैं। उन्होंने भारत व प्रदेश सरकार से उनकी मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने सांसद शांता कुमार से आग्रह किया है कि वह विदेश मंत्रालय से संपर्क करके उनके परिजनों को वहां से निकालने में मदद करें, ताकि उनको राहत मिल सकें। वे कुछ लोगों के साथ शांता कुमार सांसद व वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री से मिल कर अपनी समस्या उनके समक्ष रखेंगे।
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