आनी-निरमंड तहसील कार्यालय में स्टाफ नहीं

By: Oct 15th, 2017 12:05 am

आनी – आनी और निरमंड खंड के तहसील कल्याण कार्यालय एक ही टीडब्ल्यूओ के सहारे चल रहे हैं। आनी और निरमंड में कुल स्वीकृत छह पदों में से पांच खाली चल रहे हैं। इस कारण करीब 9700 विभिन्न पेंशन धारकों के अलावा हजारों पात्र लोगों को कभी आनी, कभी निरमंड और कई मर्तबा तो दोनों जगह ही ताला लटका होने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आनी और निरमंड दोनों ही कार्यालयों में एक-एक क्लर्क और एक-एक चपरासी की पोस्ट है। क्लर्क की पोस्ट चार सालों से और चपरासी की पोस्ट पांच महीनों से दोनों ही जगह खाली चल रही हैं, जबकि आनी के टीडब्ल्यूओ का इसी वर्ष जनवरी में तबादला हो जाने से यह पद भी खाली चल रहा है। ऐसे में आनी और निरमंड कार्यालयों का जिम्मा निरमंड के टीडब्ल्यूओ के सिर पर है।  इसके फलस्वरूप जब टिडब्ल्यूओ साहब निरमंड होते हैं, तो आनी के कार्यालय में ताला लटका रहता है और जब साहब आनी होते हैं तो निरमंड कार्यालय में ताला और अगर किसी जरूरी काम या जिला मुख्यालय कुल्लू या कहीं अन्य जगह कोई बैठक हो तो आनी और निरमंड दोनों ही जगहों पर ताला लटकाना पड़ता है, जिसके कारण अपने कामों को निपटाने दफ्तर आने वाले बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं को कार्यालय के दरवाजे पर लटका ताला देख कर मुंह लटकाए वापस जाना पड़ता है। इतना ही नहीं विभिन्न योजनाओं के तहत आए आवेदनों की प्रमाणिकता और पात्रता जांचने के लिए फील्ड का दौरा करना पड़ता है, जिस कारण दफ्तर में ताला लगाना भी स्वाभाविक है। ऐसे में कई बार मजबूर लोगों को बैरंग वापस लौटना पड़ता है। विड़बना यह है कि छह माह बाद भी टीडब्ल्यू के रिक्त पद को नहीं भरा गया, जबकि आनी और निरमंड में क्लेरिकल पोस्टें कई सालों से खाली पड़े हैं, जिन्हें भरने की कोशिश ही नहीं की गई, जबकि दोनों कार्यालयों में दैनिक वेतनभोगी चपरासियों के पक्का हो जाने से इन्हें अन्य विभागों में शिफ्ट कर दिया गया है और उनके रिक्त स्थान को भरने के लिए विभागीय औपचारिकताएं शुरू ही नहीं की गई। वहीं इस बारे में आनी के टीडब्ल्यूओ जेआर ठाकुर का कहना है कि वे बारी-बारी से दोनों जगहों के कार्यालयों के कामों को निपटाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।


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