मुंबई में 38500 डिप्रेशन का शिकार
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई में रहने वाले करीब 38500 लोगों को मनोचिकित्सकों की सलाह की जरूरत है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई देश के ऐसे शहरों की लिस्ट में सबसे ऊपर है, जहां लोगों को किसी न किसी कारण से सलाह के लिए मनोचिकित्सकों की जरूरत होने के मामले सामने आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इस संख्या में 50 फीसदी लोग अवसाद और टेंशन की समस्याओं से ग्रस्त पाए गए हैं। इसके अलावा कई लोगों में सोशल मीडिया और इंटरनेट के ज्यादा इस्तेमाल से भी किसी प्रकार के मनोरोग जैसी समस्या देखने को मिली है। इस तरह के लोगों में कई ऐसे हैं, जिनमें फेसबुक डिप्रेशन और ऑनलाइन गेमिंग एडिक्शन जैसी समस्याएं देखने को मिली हैं। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर अपनी स्वीकार्यता को लेकर कई लोगों को अपने लुक और बॉडी इमेज से भी शिकायत होते देखा गया है। रिपोर्ट से पहले हुए सर्वे में ये बात भी सामने आई है कि कई लोग सोशल मीडिया पर नेगेटिव कमेंट मिलने या ट्रोलिंग के कारण अवसाद का शिकार होते हैं। ऐसे अवसाद का शिकार होने वालों में बड़ी संख्या युवाओं की है, जिन्हें इससे बाहर आने में कई बार लंबा वक्त भी लग जाता है। इस बारे में बताते हुए मुंबई के केइएम अस्पताल के मनोचिकित्सक सागर मुंददा कहते हैं कि इंटरनेट के इस्तेमाल और ऑनलाइन गेमिंग में बड़ी संख्या में युवा वर्ग के लोग शामिल होते हैं, ऐसे में इनमें ज्यादा रुचि लेने वाले युवाओं में डिप्रेशन और मानसिक अवसाद होने की संभावना भी ज्यादा रहती है।
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