मुकेश तोड़ेंगे मिथक या बन जाएंगे इतिहास

By: Oct 27th, 2017 12:01 am

ऊना —  उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री लगातार चौथी बार विधानसभा चुनावों के लिए रणक्षेत्र में उतर चुके हैं। इस दफा भी उनका मुकाबला अपने पुराने प्रतिद्वंदी व भाजपा प्रत्याशी प्रो.रामकुमार से है।  हरोली विस क्षेत्र में बड़ी संख्या में ओबीसी वोट बैंक पर नजर गड़ाए भाजपा के बागी प्रत्याशी रविंद्र पाल मान तथा दलित वोट बैंक की नाव पर सवार बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी विरेंद्र कुमार हीर भी चुनावों को बहुकोणीय बनाने में जुट गए हैं। वीरभद्र सरकार में अहम मंत्री रहे मुकेश अग्निहोत्री के इस क्षेत्र से फिर से चुनाव लड़ने से यह विधानसभा क्षेत्र प्रदेश की वीआईपी सीट बन गई है।  पिछले दो दशकों से प्रदेश सरकार में उद्योग मंत्री बनने के बाद चुनाव न जीत पाने के मिथक को तोड़ना भी कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश अग्निहोत्री के लिए एक चुनौती होगी। इससे पहले प्रदेश में राम लाल ठाकुर, कुलदीप कुमार, किशन कपूर उद्योग मंत्री बनने के बाद विस चुनाव हार चुके हैं। 2003 में पत्रकारिता से राजनीति में आए मुकेश अग्निहोत्री ने अभी तक इस क्षेत्र से तीन चुनाव लड़ें तथा तीनों ही चुनाव जीते। पिछले  विस चुनावों में हर बार उनका मुकाबला भाजपा के नए प्रत्याशी से हुआ। यह पहला मौका है जब   रामकुमार लगातार दूसरी बार उनके सामने  भाजपा प्रत्याशी के रूप में हैं। इससे पहले 2003 में पूर्व विधायक जय किशन शर्मा, 2007 में जगरूप सिंह व 2012 में प्रो.रामकुमार यहां से भाजपा प्रत्याशी रहे। उद्योग मंत्री के रूप में पांच साल के कार्यकाल में हरोली विस क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों का हवाला देते हुए मुकेश अग्निहोत्री एक बार फिर से चुनावी समर में उतरे हैं। सीएम वीरभद्र सिंह से नजदीकियों के चलते वह कांग्रेस सरकार में मजबूत मंत्री रहे हैं। हरोली विस क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश अग्निहोत्री अपने किले को बचाने के लिए जुटे हैं। वहीं, उन्हें भाजपा के प्रत्याशी रामकुमार कड़ी टक्कर दे रहे हैं। प्रो.रामकुमार करीब चार साल एबीवीपी के प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं। वहीं, भटोली कालेज से प्रवक्ता के पद पर सेवारत थे, लेकिन 2012 में चुनावी राजनीति में उतरने का निर्णय करते हुए नौकरी से त्यागपत्र दे दिया, लेकिन पिछले विस चुनावों में उन्हें मुकेश अग्निहोत्री के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा ने 1998 में अंतिम बार इस सीट पर विजय हासिल की थी।

जोशी परिवार का रहा दबदबा

हरोली विधानसभा क्षेत्र पर करीब तीन दशक तक जोशी परिवार का दबदबा रहा है। 1966 से लेकर 1998 तक करीब 32 सालों तक इस सीट से विद्यासागर जोशी, कश्मीरी लाल जोशी, विजय कुमार जोशी विधायक रहे। विजय जोशी सबसे अधिक चार बार इस विस क्षेत्र के विधायक रहे। विजय जोशी 1977 में 25 वर्ष की आयु में प्रदेश के सबसे कम आयु के विधायक बने,वहीं वह सबसे कम आयु के प्रदेश विस के उपाध्यक्ष भी रहे। विजय जोशी प्रदेश सरकार में उद्योग राज्य मंत्री भी रहे। उनके बाद कश्मीरी लाल जोशी व मुकेश अग्निहोत्री तीन-तीन  बार इस विस क्षेत्र से विधायक रहे, जबकि विद्यासागर जोशी व जयकिशन शर्मा ने भी इस क्षेत्र का बतौर विधायक प्रतिनिधित्व किया।


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