फोर्टिस कांगड़ा ने दिया नया जीवन

By: Nov 23rd, 2017 12:04 am

कांगड़ा— निमोनिया से ग्रस्त 23 वर्षीय एक युवक नाजुक स्थिति में फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा में दाखिल हुआ। क्रिटिकल केयर विभाग में मरीज की सेचुरेशन 60-70 रह गई थी। उसे सांस लेने में कठिनाई हो रही थी।  उसके दिल की धड़कन भी शांत हो गई। डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया, लेकिन क्रिटिकल केयर विभाग में डा. धार्मिक बोरा एवं मेडिसन स्पेशलिस्ट डा. आनंद टोडवाल ने हिम्मत नहीं हारी। एक घंटे तक लगातार सीपीआर देने के बाद डाक्टरों की मेहनत रंग लाई व चमत्कारिक रूप से मरीज की धड़कन चल पड़ी। यह देखते ही डाक्टरों ने तुरंत मरीज को वेंटिलेटर पर डाल दिया। डा. आनंद ने मरीज की सांसों को बरकरार रखने के लिए उसे सांस लेने के लिए ट्यूब डाली। दोनों किडनियों की कार्यप्रणाली में सुधार करने के लिए डायलसिस किया गया। सघन डाक्टरी देखरेख व मेडिकल केयर के पश्चात चौथे दिन मरीज को वेंटिलेटर से निकाला गया। मरीज की हालत में आशातीत सुधार के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। मरीज के परिजनों ने बताया कि इससे पहले मरीज का उपचार तीन-चार दिन से किसी अन्य अस्पताल में चल रहा था, लेकिन मरीज की स्थिति धीरे-धीरे खराब होती गई। स्थिति को देखते  उसे फोर्टिस कांगड़ा लेकर आए। उन्होंने कहा कि फोर्टिस कांगड़ा में वह डूबती उम्मीदों के साथ आए थे, लेकिन यहां आकर उनकी इन उम्मीदों को संजीवनी मिल गई।


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