भगतपुर की 50 हैक्टेयर जमीन बंजर

By: Nov 27th, 2017 12:05 am

शाहतलाई — शाहतलाई कस्बे के साथ लगती नघ्यार पंचायत के तहत भगतपुर गांव के किसानों द्वारा धान व गेहूं की अच्छी पैदावार कर पूरे जिला में अपना नाम कमाया है। भगतपुर गांव को गेहूं की अच्छी उत्पादन कर इस गांव को कृषि विभाग में सीड विलेज के नाम से ख्याति प्राप्त हुई है। कृषि विभाग द्वारा गेहूं का बीज यहां के किसानों द्वारा तैयार बीज को खरीदा गया है, लेकिन गांव में सिंचाई सुविधा न होने के चलते कृषकों को बारिश के ऊपर ही निर्भर रहना पड़ता है। इस बार धान की बिजाई के फसल के समय में बारिश न होने के कारण 50 हैक्टेयर लगभग भूमि बिना पानी के अधिकतर फसल बिजाई ही नहीं हुई, जिससे इस गांवों के किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ा। उल्लेखनीय है इस गांव के अधिकतर किसान फसल के ऊपर ही अपना व अपने परिवार का निर्वाह करते हैं, लेकिन सरकार की ओर से इस क्षेत्र में सिंचाई सुविधा न होने से यहां के लोगों को समस्या से दो-चार होना पड़ता है। ज्ञात रहे कि वर्ष 2003-04 में इस क्षेत्र के लिए स्वाइल कंजरवेशन की ओर से बहाव सिंचाई योजना के तहत 12 लाख रुपए की लागत की राशि से कूलहों का निर्माण कार्य किसानों द्वारा स्वयं ही कमेटी बनाकर किया गया था, लेकिन उसमें भी स्वयं ही किसानों को सरयाली खड्ड पर टेंप्रेरी बांध देना पड़ता है, जो कि बरसात के चलते बार-बार टूट जाता है, लेकिन अब दिन पर दिन खड्डों का स्तर भी बरसाती बाढ़ के चलते नीचे हो गया है। अगर इस एरिया में सरयाली खड्ड पर कंकरीट का  पांच फीट के करीब ऊंचा पक्का बांध लगा दिया जाए तो  किसानों के लिए काफी लाभ हो सकता है। कंकरीट का बांध लग जाने से भगतपुर गांव के साथ-साथ नगर पंचायत शाहतलाई का वार्ड नंबर पांच बढ़याह के किसानों को भी काफी लाभ हो सकता है। इस समय टेंप्रेरी मिट्टी का बांध लगाकर थोड़ी सिंचाई कर यह लोग गुजारा कर रहे हैं, लेकिन जैसे ही बरसात में एक आध  तेज बहाव से बरसाती पानी आ जाने से यह बार-बार टूट जाता है। यही नहीं इस समय मुख्य कारण यह भी है कि नदी का स्तर काफी नीचे हो गया है, जिसके चलते बिना बांध लगाए इस समस्या का हल नहीं हो सकता है। इस क्षेत्र में बांध भी लगने की पूरी पूरी संभावना है। ज्ञात रहे कि नगर पंचायत द्वारा निर्माणाधीन  कूड़ा-कचरा संयंत्र प्रबंध के बीच 30 मीटर नीचे दोनों ओर सरयाली खड्ड की इस जगह पर पहाडि़यां सटी हुई हैं, जिससे यहां पर कम ही लंबाई का कंकरीट बांध लग सकता है। यहां पर कम खर्चा कर काफी ज्यादा सुविधा इन क्षेत्रों के किसानों को मिल सकती है। किसानों का कहना है कि उपरोक्त स्थल बांध के लिए उपयुक्त है। इन क्षेत्रों में बंपर फसल का उत्पादन रहता है। कुछ कृषकों का तो उत्पादन इतना ज्यादा धान का रहता है । धान की फसल को लेकर  पंजाब की मंडियों में यहां का धान बेचना पड़ता है  इस चीज से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस क्षेत्र की कितनी उपजाऊ भूमि है। इस क्षेत्र में अगर विभाग यहां पर योजना बनाता है तो यहां के किसान इससे भी ज्यादा फसलों  की पैदावार कर अपना लाभ तो कमा ही सकते है।ं साथ ही देश की पैदावार में बढ़ोतरी कर अपना योगदान दे सकते हैं। स्थानीय किसान मनिंद्र सिंह चंदेल, रोशन लाल, केहर सिंह, सीता राम, मदन लाल, प्यार सिंह, प्रीतम चंद, जोगिंद्र सिंह, कर्म चंद, रामकृष्ण व प्रकाश चंद सहित अन्य कई लोगों  का कहना है कि अगर इस क्षेत्र के लिए योजना बनती है तो सिंचाई सुविधा का लाभ मिलेगा और इस क्षेत्र में अच्छी फसलों की पैदावार हो सकेगी। अगर यह कार्य हो जाए तो इस क्षेत्र के किसानों के लिए यह कार्य बहुत सिद्ध हो सकता है यही नहीं इसके साथ-साथ अगर पानी का ठहराव इस क्षेत्र  में रहता है तो सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग की पेयजल योजनाओं को भी पानी इकट्ठा होने की वजह से गर्मियों में कुछ तो राहत  इस नदी पर बनी स्कीमों में रहेगी और साथ लगते क्षेत्रों में उपजाऊ भूमि को इस नमी के चलते कृषकों को लाभ रहेगा। स्थानीय उपरोक्त लोगों ने विभाग व सरकार से मांग की है कि उपरोक्त क्षेत्र की इस समस्या का समाधान किया जाए, ताकि स्थानीय लोगों को सुविधा मिल सके। अगर यह सुविधा मिलती है, तो किसानों को अपनीआजीविका कमाने के लिए बरसात पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App