मैंने जीते जी नरक भोग लिया
जेल से बाहर आने के बाद अशोक ने कहा, गुरुग्राम पुलिस पर भरोसा नहीं
गुरुग्राम— रायन इंटरनेशनल स्कूल के दूसरी के छात्र प्रद्युम्न की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कंडक्टर अशोक को जेल से रिहा किया गया। पुलिस ने अशोक को जेल के पिछले गेट से निकाला। 75 दिन बाद भोंडसी जेल से निकलकर वह घामडौज में अपने घर पहुंचे। बीमार व परेशान नजर आ रहे अशोक शॉल ओढ़े मीडिया से रू-ब-रू हुए और बताया कि जेल में उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हुई, लेकिन पुलिस हिरासत के दौरान उन्होंने जीते जी नरक भोग लिया है। उन्हें इस कदर टॉर्चर किया गया कि अब वह सब सोचते हुए भी रूह कांपती है। आखिरकार वह बाहर आ गए और इसके लिए वह भगवान व मीडिया का धन्यवाद करते हैं। अशोक ने कहा कि पुलिस हिरासत के दौरान मैंने जीते जी नरक भोग लिया है। मुझे इस कदर टॉर्चर किया गया कि अब सब सोचते हुए भी रूह कांपती है। वहीं अशोक की पत्नी ममता ने बताया कि पति के घर लौटने की जितनी खुशी है, उतना ही दुख प्रद्युम्न की मौत का भी है। ममता ने कहा कि पुलिस ने अशोक को उल्टा लटकाकर मारा, टॉर्चर किया और गुनाह कबूलने के लिए नशा भी दिया। मामले में अब सीबीआई की जांच सही दिशा में जा रही है। उसने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि सीबीआई जांच पूरी कर दोषी को सजा दिलाएगी। साथ ही इस हत्याकांड में अशोक को फंसाने वालों के खिलाफ भी सीबीआई को कार्रवाई करनी चाहिए।
मां ने आने की खुशी में बनाया साग
अशोक की मां केला देवी ने बताया कि बेटे के घर आने की बेहद खुशी है। उसके लिए हरा साग और दाल-रोटी बनाई। बेटे की तबीयत कुछ खराब है। वहीं, अशोक को बुखार के चलते बुधवार रात करीब पौने नौ बजे गांव से ही डाक्टर बुलाया गया। डाक्टर ने उन्हें इंजेक्शन लगाकर दवा भी दी।
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