राजा घेपन के घर लौटने तक बारिश नहीं

By: Nov 12th, 2017 12:01 am

कुल्लू — जिला कुल्लू सहित लाहुल-स्पीति में बारिश न होने से ठंड काफी अधिक पड़नी शुरू हो गई है। सुबह-शाम इतनी ठंड हो गई है कि लाहुल में लोगों का घरों से बाहर निकलना काफी मुश्किल हो गया है। हालांकि कुछ दिन से यहां मौसम खराब भी चल रहा है। बर्फबारी होने के पूरे आसार हैं, लेकिन बिना बारिश सूखी ठंड से लोग भी परेशान हैं। इन दिनों घाटी के आराध्य देवता राजा घेपन यहां घाटी के दौरे पर हैं। ऐसे में मान्यता है कि जब तक राजा घेपन स्थायी मंदिर से बाहर घाटी के दौरे पर रहते हैं, तब तक बारिश का होना नामुमकिन होता है। जैसे ही आराध्य देवता राजा घेपन घर लौटे आएंगे, तो ही उसके बाद ही बारिश होगी। इन दिनों राजा घेपन घाटी के दौरे पर हैं। जब तक वह अपने स्थाई निवास स्थान सिसू लौट नहीं जाते, तब तक मान्यता है कि बारिश नहीं होगी। फिल्हाल घाटी में बारिश तो नहीं हो रही, लेकिन ठंड बढ़ गई है। यहां पानी भी नलों में सुबह के समय जमने लगा है। जिला कुल्लू में भी बारिश न होने पर ठंड काफी अधिक होने पर अब लोगों ने घरों में तंदूर व हीटर का सहारा लेना शुरू कर दिया है। शाम पांच बजे के बाद कुल्लू में भी ठंड काफी अधिक हो गई है। रोहतांग में भी ठंड अधिक होने पर यहां रास्तों में पड़ने वाले छोटे-छोटे झरने व नालों का पानी भी जमने लगा है। ऊझी घाटी में भी ठंड काफी अधिक पड़नी शुरू हो गई है। शाम चार बजे के बाद यहां घाटी के लोग ठंड से बचने के लिए तंदूर के आगे बैठे रहते हैं। नदी-नालों का पानी भी काफी कम हो गया है। ब्यास नदी का पानी भी पहले के मुकाबले में काफी अधिक घट गया है।

लाहुल की झीलें जमीं

कुल्लू — शीत मरुस्थल लाहुल-स्पीति में रात का तापमान शून्य से नीचे लुढ़क गया है। 10 हजार फुट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रात के समय निचले क्षेत्रों में भी रात को पानी के पाइप जाम हो रहे हैं। धूप खिलने पर ही नलों में पानी आ रहा है। ऊंचाई पर स्थित सूरजताल, चंद्रताल, दीपक ताल और नीलकंठ झील में रात को पपड़ी जमना शुरू हो गई है। हालांकि दिन के समय धूप खिलने से लोगों को राहत मिल रही है।


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