अपनी रुचि को पहचान कर योग्यता विकसित करें

By: Dec 6th, 2017 12:10 am

थोड़ी देर के लिए जरा अपने अतीत में झांकिए। ऐसे दो कार्यों को याद कीजिए, जिनमें से एक को आपने अपनी रुचि से किया हो और दूसरी को अरुचि से। परिणाम को याद कीजिए। आप पाएंगे कि रुचि के काम में आपको ज्यादा सफलता मिली…

रुचि, योग्यता, प्रवीणता, परिश्रम ये कुछ ऐसे शब्द हैं, जो किसी की सफलता की राह निर्धारित करते हैं। हालांकि इन शब्दों का अलग-अलग भी काफी महत्त्व है, पर जब यह एक साथ मिल जाते हैं, तो व्यक्ति की सफलता सुनिश्चित होती है।

मन लगाकर किया गया कोई भी काम व्यक्ति को सफलता की ओर ले जाता है, जबकि बेमन और अरुचि से किया गया काम नकारात्मक परिणाम देता है। आप थोड़ी देर के लिए जरा अपने अतीत में झांकिए। ऐसे दो कार्यों को याद कीजिए, जिनमें से एक को आपने अपनी रुचि से किया हो और दूसरी को अरुचि से। परिणाम को याद कीजिए। आप पाएंगे कि रुचि के काम में आपको ज्यादा सफलता मिली। किसी काम में दिलचस्पी आपको वह ऊर्जा देती है, जिससे राह की तमाम मुश्किलें भी आसान हो जाती हैं।

कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता

रुचि के बाद सफलता के लिए जरूरी आधार है योग्यता। अपनी योग्यता और अपनी क्षमता को बढ़ाने की कोशिश कीजिए। इसके लिए प्लानिंग कीजिए और संबंधित फील्ड में अपनी जानकारी दुरुस्त रखिए। योग्यता होने पर ही आप खुद को अव्वल बना सकते हैं। प्रतियोगिता के इस जमाने में सफलता इतनी आसान नहीं है। इसके लिए आपको प्रवीण बनना होगा, यानी आप खुद को इतना कुशल बनाएं कि बाकी लोगों से आगे निकल जाएं। यही प्रवीणता है। अपनी योग्यता में निखार लाकर आप खुद को और ज्यादा प्रवीण बना सकते हैं।

अपनी रुचि को पहचान कर योग्यता निखारें

प्रत्येक व्यक्ति में कुछ-न-कुछ ऐसे गुण जरूर होते हैं, जो उसे खास और दूसरों से अलग बनाते हैं। पर जब लापरवाही के कारण आपको अपनी खासियत पर नजर नहीं जाती, तो वे गुण सामने नहीं आ पाते। इसलिए अपनी रुचि को पहचानें और अपनी योग्यता को विकसित करें। फिर दुनिया की कोई भी ताकत आपको सफल होने से नहीं रोक सकती।

सफल और असफल लोगों के विचारों में मुख्य अंतर।

निःसंदेह मेहनत ही सफलता का मूलमंत्र है। रुचि के अनुरूप योग्यता तभी विकसित होगी, जब आप कठिन परिश्रम करेंगे। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आपको अपना 100 प्रतिशत देना होगा। इसलिए खुद को पहचानें, अपने गुणों को परखें और फिर सुव्यवस्थित योजना के अनुसार काम करते हुए दुनिया को जीत लें।

कमजोरियों का प्रभाव जानिए

अपनी कमजोरियों पर नजर डालने के बाद आप यह जानने की कोशिश करें कि वे किस तरह आपके जीवन पर प्रभाव डालती हैं। जब आप इनके दुष्परिणामों को जानेंगे, तो इनको दूर करने के लिए आप कदम भी उठाएंगे।

सुधार की ओर बढि़ए

जब किसी कमजोरी के इतने नुकसान हों, तो फौरन सुधार की तरफ कदम बढ़ाएं। जैसे, वक्त पर काम करने के लिए टाइमटेबल बनाएं, अंग्रेजी कमजोर हो तो कोचिंग ज्वॉइन करें इत्यादि। इससे आप सफलता पाएंगे और आपकी हीनभावना भी दूर होगी।

परिणामों का आकलन कीजिए

यदि आपने अपनी कमजोरियों को दूर करने की दिशा में कदम बढ़ा लिए हैं तो जरूरी है कि आप समय-समय पर परिणामों का आकलन भी करें। मिले सकारात्मक परिणामों से आपका उत्साहवर्द्धन होगा और आपके कदम अपनी मंजिल की तरफ  तेजी के साथ आगे बढ़ने लगेंगे।


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