कालेज जल्द लें नैक से मान्यता
प्रदेश में आंकड़ा 136 के पार, सिर्फ 31 ने ही ली एक्रीडिटेशन
शिमला — प्रदेश के कालेजों को नेशनल असेस्मेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल यानी नैक से मान्यता प्राप्त करना आवश्यक है। प्रदेश में यह प्रक्रिया बेहद धीमी गति से चल रही है। आए दिन कालेजों का आकंड़ा तो बढ़ता जा रहा है, लेकिन अगर बात की जाए नैक से मान्यता कालेजों की, तो यह आंकड़ा मात्र 31 है। अभी तक इतनी ही सख्ंया में प्रदेश के कालेजों ने नैक से मान्यता लेने में रुचि दिखाई है। इन मान्यता प्राप्त कालेजों में से बेहद कम कालेज ऐसे हैं, जिन्होंने दूसरी बार नैक से एक्रीडिटेशन करवाई है। इस सूची में ऐसे अधिकतर कालेज शामिल हैं, जिन्होंने पहली बार नैक की टीम को अपने कालेज में बुलाकर निरीक्षण करवा कर ग्रेड नैक से प्राप्त किया है। प्रदेश के कालेजों की नैक से एक्रीडिटेशन की धीमी प्रक्रिया को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग की ओर से भी नैक से मान्यता लेने की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश में कालेजों की संख्या का आंकड़ा 136 के पार हो चुका है। इतने कालेजों में से मात्र 31 कालेजों को ही नैक से मान्यता अभी तक प्राप्त हुई है। अब विभाग के निर्देशों के बाद 13 अन्य कालेज भी नींद से जागे हैं और कालेज खुलने के बाद पहली बार नैक से मान्यता की प्रक्रिया पूरी करने जा रहे हैं। नेशनल असेस्मेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल से किसी भी शिक्षण संस्थान को स्थापना के पांच साल बाद मान्यता प्रदान की जाती है, लेकिन प्रदेश के कालेजों की हालत ऐसी है कि स्थापना के कई वर्ष बीतने के बाद भी कालेजों को इस महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया को पूरा करने की जरूरत ही महसूस नहीं हुई है। प्रदेश में कालेजों के इसी सुस्त रैवये की वजह से न तो नैक की गे्रडिंग में कोलेजों का स्तर बढ़ पा रहा है, न ही कालेज नेशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क का हिस्सा बन पा रहे हैं। अभी तक जिन कालेजों को नैक से मान्यता प्राप्त हुई है, उनमें से अधिकतर बी और बी प्लस गे्रड तक ही सीमित हैं।
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